‘आपके पास हिम्मत है तो…’, सीएम स्टालिन का बिहार दौरा; बीजेपी ने दिया चैलेंज

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की बिहार दौरे ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और स्टालिन वहां विपक्षी नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में पहुंचे हैं। लेकिन बीजेपी ने स्टालिन और उनकी पार्टी डीएमके के पुराने बयानों को हथियार बनाकर तीखा हमला बोला है।

बीजेपी ने स्टालिन को चुनौती दी है कि अगर हिम्मत है तो बिहार में अपने बेटे उदयनिधि स्टालिन और सांसद दयानिधि मारन के ‘सनातन धर्म’ और ‘बिहारियों’ पर दिए विवादित बयानों को दोहराकर दिखाएं। यह विवाद अब सियासी जंग का रूप ले चुका है, जिसमें बीजेपी और जेडीयू ने डीएमके को ‘बिहार विरोधी’ बताया है। डीएमके और बीजेपी के बीच पहले से ही कई मुद्दों पर तनातनी रही है। स्टालिन की बिहार यात्रा को बीजेपी ने वोटों की सियासत से जोड़कर हमला तेज कर दिया। बीजेपी का कहना है कि डीएमके ने बिहारियों को अपमानित किया और अब वोट मांगने बिहार पहुंच रही है।

‘हिम्मत है तो बयान दोहराओ’
बीजेपी के तमिलनाडु प्रवक्ता नारायणन तिरुपति ने स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर आपके पास हिम्मत है, तो बिहार में अपने बेटे उदयनिधि के सनातन धर्म का ‘उन्मूलन’ करने वाले बयान को दोहराकर दिखाइए।
वहीं, दयानिधि मारन के उस बयान को भी दोहराएं जिसमें उन्होंने बिहारियों को तमिलनाडु में ‘शौचालय साफ करने वाला’ कहा था।” तिरुपति ने स्टालिन को ‘द्रविड़ मॉडल का शेर’ कहकर तंज कसा और पूछा कि क्या वह बिहार की धरती पर ये बयान दोहराने की हिम्मत रखते हैं।

बीजेपी के पूर्व तमिलनाडु अध्यक्ष के अन्नामलाई ने भी इस हमले को और तेज किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर डीएमके और उसके सहयोगियों के बिहारियों पर दिए गए ‘अपमानजनक बयानों’ का जिक्र करते हुए कहा, “उम्मीद है कि स्टालिन राहुल गांधी के साथ मंच पर खड़े होकर इन बयानों को गर्व से दोहराएंगे।” बीजेपी का यह हमला साफ तौर पर डीएमके को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश है।

क्या है इस विवाद की जड़?
यह पूरा विवाद डीएमके नेताओं के पुराने बयानों से शुरू हुआ। 2023 में दयानिधि मारन का एक कथित पुराना वीडियो सामने आया था। इसमें उन्होंने कहा था कि बिहार और उत्तर प्रदेश के हिंदी भाषी लोग तमिलनाडु में ‘घर बनाते हैं’ और ‘शौचालय साफ करते हैं।’ इस बयान से बिहार में काफी बवाल मचा था। दूसरी तरफ, स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को ‘डेंगू और मलेरिया’ जैसी बीमारी बताकर उसका उन्मूलन खत्म करने की बात कही थी।

इस बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने भी उदयनिधि को फटकार लगाई थी, लेकिन उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया और कहा कि यह उनके द्रविड़ विचारधारा के प्रतीक पेरियार के विचारों के अनुरूप है।

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