आपदा से हुए नुकसान पर स्कूलों के लिए 20 करोड़ रुपये जारी

प्रदेश में कई स्कूल जर्जर हैं। बरसात में इनमें से कुछ की छत से प्लास्टर टूटकर गिर रहा है। बुनियाद और दीवारों में भी दरारें हैं। आपदा से भी स्कूलों को नुकसान हुआ है। जिससे बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ रहे हैं। अमर उजाला ने 31 जुलाई 2025 से इस तरह के स्कूलों की पड़ताल के लिए कैसी है पाठशाला अभियान चलाया हुआ है। जिसके बाद सरकार ने इस तरह के स्कूलों के लिए 20 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत के मुताबिक प्राकृतिक आपदाओं की वजह से जिन स्कूलों को नुकसान हुआ है, उनका जल्द पुनर्निर्माण किया जाएगा। इसके लिए राज्य मोचन निधि से स्वीकृत बजट में से जिलेवार धनराशि जारी कर दी गई है। साथ ही सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को आपदा से नुकसान वाले विद्यालयों एवं अन्य परिसम्पत्तियों के पुनर्निर्माण व मरम्मत कार्य को जल्द पूरा कर अधिकारियों को मार्च 2026 तक उपयोगिता प्रमाण पत्र शिक्षा महानिदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

पुनर्निर्माण कार्यों के लिए पहले चरण में 20 करोड़
शिक्षा मंत्री के मुताबिक सरकार ने राज्य मोचन निधि से विद्यालयी शिक्षा विभाग के लिए करीब 30 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। जिसमें से पुनर्निर्माण कार्यों के लिए पहले चरण में 20 करोड़ की धनराशि जारी की गई है। वहीं, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर आवंटित धनराशि को योजनांतर्गत शीघ्र व्यय करने के निर्देश दिए हैं। आपदा मद के तहत टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली, अल्मोड़ा, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिले को दो-दो करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है। जबकि देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, रुद्रप्रयाग, चंपावत एवं बागेश्वर जिले को एक-एक करोड़ की धनराशि जारी की गई है।

आवंटित धनराशि से प्राकृतिक आपदा से वास्तविक रूप से क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों, चाहरदीवारी, खेल मैदान, शौचालय एवं अन्य क्षतिग्रस्त परिसंपत्ति का पुनर्निर्माण एवं मरम्मत कार्य किया जाएगा। इसके लिए मुख्य शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं, साथ ही उन्हें निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का भी खास ध्यान रखने को कहा गया है। इसके अलावा अधिकारियों को योजना के तहत निर्माण कार्यों की उपयोगिता प्रमाण पर मार्च 2026 तक विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

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