इन 5 फूड्स से शरीर में बढ़ सकती है सूजन

चोट लगने पर या किसी तरह के इन्फेक्शन के कारण शरीर में सूजन होना एक नॉर्मल बॉडी रिएक्शन है। हालांकि, अगर सूजन लंबे समय तक बनी रहे, तो यह परेशानी का कारण बन सकता है। क्रॉनिक सूजन की वजह से डायबिटीज, हार्ट डिजीज, आर्थराइटिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

शरीर की सूजन पर डाइट का भी सीधा असर होता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट में हेल्दी फूड्स को शामिल करें और ऐसे फूड्स को डाइट से बाहर करें, जो इंफ्लेमेशन का कारण बन सकते हैं या उसे और बढ़ा सकते हैं। आइए जानें इंफ्लेमेशन रोकने के लिए किन फूड्स को नहीं खाना चाहिए।

इंफ्लेमेशन बढ़ाने वाले फूड्स

प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड्स
प्रोसेस्ड फूड्स जैसे चिप्स, बिस्कुट, इंस्टेंट नूडल्स और रेडी-टू-ईट मील्स में काफी मात्रा के प्रिजर्वेटिव्स, रिफाइंड शुगर और अनहेल्दी फैट्स (ट्रांस फैट और सैचुरेटेड फैट) होते हैं। ये चीजें शरीर में इंफ्लेमेशन को ट्रिगर कर सकती हैं। साथ ही, इनमें फाइबर और पोषक तत्वों की कमी होती है, जो शरीर की एंटीइंफ्लेमेटरी क्षमता को कमजोर कर देती है। इसकी जगह ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और घर का बना खाना इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद करता है।

शुगर और हाई-फ्रुक्टोज वाले फूड्स
चीनी, खासतौर से रिफाइंड शुगर और हाई-फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप, इंफ्लेमेशन को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। ये इंसुलिन रेजिस्टेंस और मोटापे का कारण बनते हैं, जो क्रोनिक इंफ्लेमेशन से जुड़े हैं। सॉफ्ट ड्रिंक्स, मिठाइयां, पैकेज्ड जूस और मीठे स्नैक्स से बचना चाहिए। इनकी जगह नेचुरल शुगर जैसे शहद (सीमित मात्रा में), खजूर और फलों को डाइट में शामिल करें।

रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स
व्हाइट ब्रेड, व्हाइट राइस, पास्ता और मैदा से बने फूड आइटम्स रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स के उदाहरण हैं। इनमें फाइबर और पोषक तत्वों की कमी होती है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से बढ़ता है और इंफ्लेमेटरी रिएक्शन को ट्रिगर कर सकते हैं। इसलिए इन चीजों की जगह साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, क्विनोआ और होल व्हीट ब्रेड को डाइट में शामिल करें।

ट्रांस फैट्स
ट्रांस फैट्स सबसे हानिकारक फैट्स में से एक हैं, जो फास्ट फूड, फ्राइड फूड, मार्जरीन और बेकरी प्रोडक्ट्स में पाए जाते हैं। ये न सिर्फ “खराब कोलेस्ट्रॉल” (LDL) को बढ़ाते हैं, बल्कि शरीर में इंफ्लेमेशन को भी बढ़ावा देते हैं। इनकी जगह हेल्दी फैट्स, जैसे- ऑलिव ऑयल, एवोकाडो, नट्स और फिश ऑयल (ओमेगा-3 फैटी एसिड) को डाइट का हिस्सा बनाएं।

प्रोसेस्ड मीट और रेड मीट
हॉट डॉग, बेकन, सॉसेज और अन्य प्रोसेस्ड मीट में नाइट्रेट्स और अन्य केमिकल्स होते हैं, जो इंफ्लेमेशन को बढ़ा सकते हैं। इसी तरह, ज्यादा मात्रा में रेड मीट (गोमांस, पोर्क) खाने से भी सूजन बढ़ सकती है। इसलिए कम मात्रा में ही खाएं और कोशिश करें कि इनकी जगह लीन प्रोटीन के सोर्स जैसे चिकन, टर्की, मछली (सालमन, मैकेरल) और प्लांट-बेस्ड प्रोटीन (दाल, टोफू) खाएं।

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