कौशल विकास की 3 स्कीमों का एलान, 8800 करोड़ खर्च करने का प्लान

युवाओं को पढा़ई के साथ रोजगार से जोड़ने में जुटी केंद्र सरकार अब उन्हें भविष्य की जरूरत के हिसाब से तैयार करेगी और उनका कौशल विकास भी होगा। इसके लिए सरकार ने कौशल विकास की पहले से चल रही तीन स्कीमों के नए चरण का एलान किया है। जिस पर कुल 88 सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे। इनमें सबसे अधिक छह हजार करोड़ अकेले कौशल विकास योजना 4.0 पर खर्च होंगे।

सरकार ने इसके साथ ही 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को देखते हुए कौशल विकास की मैपिंग करने के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करने को भी मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पिछले सालों में कौशल विकास को लेकर उठाए गए कदमों पर भी विस्तृत चर्चा की गई।

नेशनल अप्रेटिंसशिप प्रोग्राम पर खर्च होंगे 1942 करोड़
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसके साथ ही नेशनल अप्रेटिंसशिप प्रोग्राम को रफ्तार देने की मंजूरी दी गई है। जिस पर 1942 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी तरह पिछले क्षेत्रों में स्किल से जुड़े कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए जन शिक्षण संस्थान को 858 करोड़ रुपये की राशि दी गई है। यह राशि देशभर के 307 जन शिक्षण संस्थानों पर खर्च होगी।

कौशल विकास स्कीम से 1.60 करोड़ लोग जुड़े
कौशल विकास से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए वैष्णव ने कहा कि उद्योगों की मांग और जरूरत को देखते ही कौशल विकास से जुड़े प्रोग्राम चलाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 2015 से अब तक करीब 1.60 करोड़ लोगों को कौशल विकास स्कीम से जोड़ा गया है। इसके साथ ही 39 लाख लोगों को नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम का लाभ दिया गया है।

नया रेलवे जोन बनेगा
कौशल को लेकर सरकार का जोर इसलिए भी है क्योंकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 2025 तक स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाले 50 प्रतिशत छात्रों को कौशल विकास से जोड़ने की सिफारिश की गई है। कैबिनेट के इसके साथ ही राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के कार्यकाल को तीन सालों के लिए और बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। वहीं रेलवे में साउथ कोस्ट नाम से एक नया रेलवे जोन बनाने को भी मंजूरी दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *