प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ से हुए नुकसान के लिए पंजाब को 1600 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि जारी करने का एलान तो कर दिया है लेकिन पंजाब सरकार की मांग पूरी नहीं हुई है। सरकार ने 13 हजार करोड़ रुपये के नुकसान को लेकर प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की थी जिसे प्रदेश में दौरे पर आई केंद्र की टीम को सौंपा था।
फसल के नुकसान के लिए मांगे थे 1900 करोड़
सरकार को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री प्रदेश में अपने दौरे के दौरान इस रिपोर्ट के आधार पर ही राहत पैकेज का एलान करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। राज्य सरकार ने फसल को हुए नुकसान के लिए ही तुरंत प्रभाव से 1900 करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन यह भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई है।
प्रदेश में 4.56 एकड़ फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है। रिपोर्ट के अनुसार 5400 करोड़ रुपये का नुकसान ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर को हुआ है, जिसमें लिंक सड़कें व ड्रेनेज सिस्टम आदि शामिल हैं। पांच जिलों अमृतसर, गुरदासपुर, फिरोजपुर, पठानकोट और कपूरथला में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। इसी तरह लोक निर्माण विभाग का 1990 करोड़ रुपये का बाढ़ से नुकसान हुआ है। इसमें 1200 सड़कें टूट गई हैं।
स्वास्थ्य ढांचे का 780 करोड़ का नुकसान
मंडी बोर्ड ने 900 करोड़ रुपये के नुकसान की जानकारी दी है जिसमें मंडी और मार्केट यार्ड को जाने वाली प्रमुख सड़कें खराब हुई हैं। स्वास्थ्य ढांचे का 780 करोड़ का नुकसान हुआ है। स्कूलों की इमारतों के साथ-शिक्षा विभाग के अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर बाढ़ की चपेट में आने से 540 करोड़ का नुकसान हुआ है। बिजली विभाग ने 100 करोड़, पशुपालन विभाग ने 105 करोड़, उच्च शिक्षा ने 10 करोड़, स्थानीय निकाय ने 7 करोड़, खाद्य आपूर्ति विभाग ने 6 करोड़, वाटर सप्लाई एंड सेनिटेशन विभाग ने 6 करोड़ और वन एवं वन्यजीव विभाग ने 4 करोड़ रुपये के नुकसान का ब्योरा सौंपा है।