शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने तियानजिन पहुंचे पीएम नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ मुलाकात रविवार सुबह 10.30 बजे समाप्त हो गई। बैठक बहुत ही सकारात्मक माहौल में हुई है। पहले बैठक के लिए 40 मिनट का समय निर्धारित था, लेकिन बैठक एक घंटे से भी ज्यादा चली है।
बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने वर्ष 2024 में राष्ट्रपति चिनफिंग के साथ कजान (रूस) में हुई मुलाकात को याद किया और कहा कि इसका द्विपक्षीय संबंधों पर सकारात्मक असर हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत आपसी भरोसे, सम्मान व संवेदनशीलता का ख्याल रखते हुए हम संबंधों को मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। यह पीए मोदी की सात वर्षों बाद चीन की यात्रा है।
दोनों देशों के बीच शुरू होगी सीधी उड़ान सेवा
बैठक में पीएम मोदी ने यह भी बताया कि जल्द ही दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवाओं की भी शुरुआत हो जाएगी। वर्ष 2020 में कोविड के बाद दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवाओं को रद्द कर दिया गया था। उसी दौरान पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा में चीनी सैनिकों की घुसपैठ से सैन्य तनाव बढ़ गया था। इसके बाद सीधी उड़ानें बंद कर दिए गए थे। अभी दो हफ्ते पहले ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी नई दिल्ली आये थे जहां उनकी विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात हुई थी। इसमें सीधी उड़ानों को शुरू करने को लेकर सहमति बन गई थी। पीएम मोदी ने कहा कि, जल्द ही दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों को शुरू किया जाएगा।
सीमा विवाद सुलझाने के लिए भी शुरू हो चुकी है वार्ता
बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री न कहा कि चीन में गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए मैं आपका आभारी हूं। पिछले वर्ष कजान में हमारी मुलाकात ने हमारे संबंधों पर सकारात्मक असर डाला है। पहला मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हुई है।
सीमा विवाद सुलझाने के लिए दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच बातचीत भी शुरु हो चुकी है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू की जा रही है। हमारे सहयोग से दोनों देशों के बीच 2.8 अरब लोगों के साथ ही पूरी मानवता का कल्याण होगा। हम आपसी भरोसे व संवेदनशीलता के आधार पर द्विपक्षीय रिश्ते को आगे बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध है।
एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने चीन पहुंचे हैं पीएम मोदी
पीएम मोदी जापान से सीधे एससीओ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए तियानजिन पहुंचे हैं। उनकी 24 घंटों के भीतर राष्ट्रपति चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से मुलाकात होनी है। इन दोनों मुलाकातों पर पूरी दुनिया की नजर है। कई अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ मोदी की एक साथ पुतिन व चिनफिंग के साथ मंच साझा करने को अमेरिका की रणनीति की भारी असफलता के तौर पर देख रहे हैं।
ट्रंप टैरिफ के बीच पीएम मोदी की चीन यात्रा बेहद अहम
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर सबसे ज्यादा 50 फीसद का टैक्स लगा दिया है। इस बारे में आवश्यक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इससे भारत व अमेरिका के रिश्तों में अंदरुनी तौर पर काफी तनाव आ गया है। ट्रंप प्रशासन के कुछ अधिकारी लगातार भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, इसका भी असर हो रहा है। मोदी और चिनफिंग के बीच मुलाकात को लेकर आधिकारिक तौर पर जानकारी आने पर पता चलेगा कि दोनों नेताओं के बीच अन्य किन मुद्दों पर विमर्श हुआ है।