तीन दलों ने किया उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार, क्या बिगड़ेगा नंबर गेम?

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद में मतदान जारी है। इस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के पूर्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है। हालांकि, इस बीच तीन दलों ने एलान किया है कि वे चुनाव का बहिष्कार करेंगे। लेकिन आखिर कौन हैं ये तीन दल और क्यों उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बना ली?

बीजू जनता दल ने बनाई दूरी
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजद) ने घोषणा की है कि उसके सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे।

पार्टी ने कहा कि यह फैसला राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक, दोनों से बराबर दूरी बनाए रखने के उसके नीति के तहत लिया गया है। बीजेडी के राज्यसभा में सात सांसद निरंजन बिशी, सुलता देव, मुजीबुल्ला खान, सुभाशीष खुंटिया, मानस रंजन मंगराज, सस्मित पात्रा और देबाशीष सामंतराय है। लोकसभा में उनका कोई सांसद नहीं है।

शिरोमणि अकाली दल की क्या है शिकायतें?
शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बना ली है। उसका कहना है कि उसे राज्य में आई अभूतपूर्व बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र और पंजाब में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) से मदद नहीं मिली।

पार्टी ने X पर लिखा, “जब भी और जहां भी कोई संकट आया है, पंजाब और पंजाबी हमेशा देश के साथ खड़े रहे हैं। लेकिन आज, पंजाबियों को अभूतपूर्व बाढ़ के कारण खुद एक बहुत ही गंभीर संकट का सामना करना पड़ रहा है। राज्य का लगभग एक-तिहाई हिस्सा पानी में डूबा हुआ है और घर और फसलें पूरी तरह से तबाह हो गई हैं।”

पार्टी ने कहा, “न तो राज्य सरकार और न ही केंद्र पंजाबियों की किसी भी तरह से मदद के लिए आगे आया है। इस संकट से आम तौर पर पंजाबी और खासकर सिख राज्य या केंद्र की किसी भी मदद के बिना लड़ रहे हैं। “गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल अकाली दल की इकलौती सांसद हैं।

भारत राष्ट्र समिति का क्या है यूरिया कनेक्शन?
तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भी यूरिया की कमी के कारण राज्य के किसानों की पीड़ा का हवाला देते हुए चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कहा, “पिछले 20 दिनों से, बीआरएस राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को यूरिया की कमी के बारे में चेतावनी दे रही है। फिर भी उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। विरोध स्वरूप और 71 लाख तेलंगाना किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, बीआरएस ने उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। अगर नोटा एक विकल्प होता, तो हम उसे चुनते।”

राज्यसभा में बीआरएस के चार सांसद दामोदर राव दिवाकोंडा रेड्डी, बी पार्थसारधि रेड्डी, केआर सुरेश रेड्डी और रवि चंद्र वड्डीराजू है, लेकिन लोकसभा में उनका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

क्या है उपराष्ट्रपति चुनाव के बहुमत का आंकड़ा?
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य होते हैं। इसमें राज्यसभा से 245 और लोकसभा से 543 सदस्य होते हैं। राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य भी मतदान के पात्र होते हैं।

वर्तमान में निर्वाचक मंडल की संख्या 781 है, क्योंकि राज्यसभा में छह और लोकसभा में एक सीट खाली है। इस तरह इस चुनाव में बहुमत का आंकड़ा 391 हो जाता है।

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