दिल्ली हाई कोर्ट सोमवार को आप के नेताओं अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। ये याचिकाएं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कथित शराब नीति घोटाले में दायर चार्जशीट पर ट्रायल कोर्ट के संज्ञान लेने के फैसले को चुनौती देती हैं।
केजरीवाल और सिसोदिया ने 2024 में दायर अपनी याचिकाओं में दावा किया है कि विशेष अदालत ने उनकी अभियोजन के लिए आवश्यक स्वीकृति के अभाव में चार्जशीट पर संज्ञान लिया, जो कि उनके सार्वजनिक सेवक होने के कारण जरूरी थी।
केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द करने के साथ-साथ मामले में सभी कार्यवाहियों को समाप्त करने की मांग की है। न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा के समक्ष यह मामला सूचीबद्ध है। हाई कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर 21 नवंबर 2024 को और सिसोदिया की याचिका पर 2 दिसंबर 2024 को ईडी को नोटिस जारी किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 12 जुलाई 2024 को अंतरिम जमानत और सीबीआई मामले में 13 सितंबर 2024 को जमानत दी थी। वहीं, सिसोदिया को 9 अगस्त 2024 को ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में जमानत मिली थी।
सीबीआई और ईडी के अनुसार, शराब नीति में संशोधन के दौरान अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। दिल्ली सरकार ने इस नीति को 17 नवंबर 2021 को लागू किया था और सितंबर 2022 तक इसे रद्द कर दिया था।
यह मनी लॉन्ड्रिंग मामला दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा नीति में कथित अनियमितताओं की जांच की सिफारिश के बाद दर्ज सीबीआई मामले से उत्पन्न हुआ है।
केजरीवाल समेत 3 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई 8 को
एवेन्यू कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत तीन आरोपियों के खिलाफ 2019 में सरकारी संपत्ति को नष्ट करने के मामले में शनिवार को सुनवाई टल गई। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने मामले की अगली सुनवाई 8 मई को करने का आदेश दिया। मामले के जांच अधिकारी (आईओ) किशन चंद ने कहा कि शिकायतकर्ता से फोटो चाहिए।
इस पर शिकायतकर्ता शिव कुमार सक्सेना ने कहा कि उन्होंने कोर्ट में जो याचिका दायर की है, उसमें फोटो मौजूद हैं। इस पर आईओ ने कहा कि वे फोटो के लिए उचित अर्जी दाखिल करेंगे। इस मामले में पुलिस ने केजरीवाल समेत तीन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।