दिल्ली सचिवालय के पास पहुंचा यमुना का पानी… 

दिल्ली में उफनती यमुना नदी का पानी कुछ हिस्सों में घुस गया है। इससे वाहन डूब गए हैं, इमारतें जलमग्न हो गईं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर तक पहुंच गया है। यमुना का जलस्तर 208 मीटर तक पहुंच सकता है। जल्द पानी उतरने के आसार नहीं है।

यमुना में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से देश की राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। बाढ़ के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं। अब शहर के भीतरी हिस्सों में भी पानी भरने का खतरा बढ़ गया है।

वहीं, हथिनीकुंड बैराज से बुधवार सुबह से लेकर रात तक छोड़े जा रहे पानी को दिल्ली आते देखकर ये साफ है कि पानी जल्द कम नहीं होगा। देर रात यमुना का जलस्तर 207.40 मीटर तक पहुंच गया था। केंद्रीय जल आयोग ने सूचना जारी की है कि दिल्ली में पानी और बढ़ सकता है।

इससे आशंका है कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर 208 मीटर तक पहुंच सकता है। यदि ऐसा होता है तो 2023 की बाढ़ की तरह आउटर रिंग रोड और कश्मीरी गेट आईएसबीटी तक पानी पहुंचने के आसार हैं। इससे दिल्ली में न केवल आवागमन बाधित हो सकता है बल्कि बड़े पैमाने पर जनजीवन प्रभावित होने का खतरा भी है।

मयूर विहार-फेज 1 के पास बनाए गए राहत शिविरों में पानी
वहीं, दिल्ली में लगातार बारिश और यमुना नदी में उफान की वजह से मयूर विहार-फेज 1 के पास बनाए गए राहत शिविरों में पानी भर गया है। दिल्ली के सिविल लाइंस में बेला रोड पर उफनती यमुना नदी का पानी घुसने से वाहन डूब गए, इमारतें जलमग्न हो गईं।

निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा
बाढ़ की आशंका को देखते हुए यमुना नदी के पास निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। दिल्ली में लोहा पुल और आसपास के इलाकों में लगातार बारिश के बाद यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

निगमबोध घाट डूबा, अंतिम संस्कार पर रोक
यमुना के जलस्तर का असर राजधानी के सबसे बड़े श्मशान घाट निगमबोध पर भी पड़ा है। बुधवार शाम को पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आने से यहां अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रोक दी गई है। घाट परिसर में कई फीट तक पानी भर गया है। यमुना का पानी बहकर रिंग रोड तक पहुंच गया है। प्रशासन ने निगमबोध घाट को बचाने के लिए कई प्रयास किए। यमुना की ओर मिट्टी भरकर बोरे लगाकर पानी को रोकने की कोशिश की गई लेकिन पानी के बढ़ते दबाव के आगे यह प्रयास नाकाम साबित हुए। घाट की एक तरफ दीवार का कुछ हिस्सा भी टूट गई जिससे पानी का प्रवाह और तेज हो गया। बाढ़ नियंत्रण विभाग और एमसीडी की टीमें मौके पर मौजूद हैं और हालात पर नजर रखे हुए हैं।

पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों के लिए मुसीबत
दिल्ली के वजीराबाद में यमुना का बढ़ता जलस्तर पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों के लिए मुसीबत बन गया है। घरों में पानी भरने से लोगों को सिग्नेचर ब्रिज के पास शरण लेनी पड़ रही है। लोगों का आरोप है कि शासन-प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली और न ही टेंट या अन्य बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की गई। भारी बारिश ने उनकी मुश्किलों को और बढ़ा दिया है।

कीचड़, पानी और ठंड के बीच खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर ये परिवार अपने आशियाने को खोने के डर से सहमे हुए हैं। यही नहीं रात में वर्षों की मेहनत की कमाई और घर के सामान को बचाने के लिए रातभर जागने को मजबूर हैं। शरणार्थी राहुल सिंह ने बताया कि घरों तक पानी पहुंच गया है। प्रशासन ने न टेंट दिए और न ही खान-पान की ठीक व्यवस्था है। बारिश होने से बच्चे बीमार हो रहे हैं।

बाढ़ के खतरे के बीच घर की चिंता ज्यादा सता रही है। हमने इतनी मुश्किल से आशियाना बनाया था। अन्य शरणार्थी ने बताया कि हम पाकिस्तान से भागकर यहां शरण लेने आए थे, लेकिन अब विस्थापित हो गए। कोई टेंट नहीं सिर्फ खुले आसमान तले रहना पड़ रहा है। भोजन और पानी की कमी से कई तरह की परेशानियां हो रही हैं।

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