निर्जला एकादशी पर करें इन चीजों का दान, खुल जाएंगे समृद्धि के द्वार

Nirjala Ekadashi 2025 निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में किया जाता है जिसका बड़ा महत्व है। माना जाता है कि इस एक व्रत से साल भर की एकादशियों का फल मिलता है। इस दिन जल शरबत पंखा छाता वस्त्र अनाज और बिस्तर जैसी चीजों का दान करना शुभ होता है।

हर महीने में दो और साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं। मगर, इन सभी में ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण है, जिसे निर्जला एकदाशी के नाम से भी जानते हैं। कारण है कि सिर्फ इसी एकादशी का व्रत करने से साल की सभी एकादशियों का फल मिल जाता है।

इस व्रत के महत्व के बारे में पद्म पुराण में भी लिखा गया है और इसके बारे में महाभारत में भी वर्णन किया गया है। अपनी भूख को काबू न कर पाने वाले भीम ने भी महर्षि वेद व्यास और पितामाह भीष्म से ज्ञान लेकर निर्जला एकादशी का व्रत रखा था।

तपस्या जैसा है निर्जला एकादशी का व्रत
निर्जला एकदाशी का व्रत कठिन होता है और यह तपस्या के समान माना जाता है क्योंकि ज्येष्ठ की गर्मी में जब गला सूखने लगता है, तो भी इस व्रत को करने वाले पानी नहीं पीते हैं। इतने बड़े और पुण्य दिन में यदि आप कोई दान-पुण्य करते हैं, तो उसका कई गुना फल मिलता है, जिससे सुख-समृद्धि के दरवाजे खुल जाते हैं।

इस साल 6 जून 2025 को निर्जला एकादशी है। इस दिन एकादशी का उपवास करने और दान करने से जीवन में कई सकारात्मक बदलाव आते हैं। दान करने वाले के जीवन से कष्ट दूर हो जाते हैं और सुखों को भोगकर वह मोक्ष को प्राप्त करता है।

जानिए किन चीजों का करना चाहिए दान….
जल दान से बड़ा कोई दान नहीं होता है। इस दिन घड़े या सुराही में ठंडा जल भरकर दान करना चाहिए।
निर्जला एकादशी के दिन प्याऊं लगवाने से भी बड़ा पुण्य मिलता है। शरबत का दान भी किया जा सकता है।
भीषण गर्मी के इस समय में जरूरतमंद लोगों को पंखा, छाता, बिस्तर खरबूजा, और गुड़ दान कर सकते हैं।
निर्जला एकादशी पर जरूरतमंद लोगों को अनाज और कपड़ों का का दान भी करना चाहिए।

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