नीतीश के महिला वोट बैंक पर तेजस्वी का दोहरा हमला

बीते चुनाव में मामूली अंतर से सत्ता में आने से चूके महागठबंधन ने इस बार जदयू के कोर वोट बैंक महिला वर्ग और लवकुश समीकरण को तोड़ने की योजना बनाई है। राजद ने पहले थोक के भाव महिलाओं को टिकट बांटे। अब करीब दो लाख जीविका दीदियों को सत्ता में आने पर स्थायी करने व प्रति माह 30,000 रुपये वेतन देने की घोषणा की है।

विधानसभा चुनाव में तेजस्वी की रणनीति युवा, महिला वर्ग को साधने व जदयू के लवकुश समीकरण को झटका देने की है। युवाओं के लिए वह हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी की घोषणा कर चुके हैं। अब उन्होंने संविदा कर्मियों को नियमित करने का एलान किया है। पार्टी को लगता है कि इनसे युवाओं में प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी का आकर्षण कम होगा।

पिछले कई चुनावों में नीतीश को महिला वर्ग के साथ 8 फीसदी आबादी वाले लवकुश (कुर्मी-कुशवाहा) का मजबूत समर्थन मिलता रहा है। राजद इसे ही तोड़ना चाहता है। इस क्रम में उसने पहली बार जदयू के 13 के मुकाबले 24 महिलाओं व कुशवाहा बिरादरी के 11 लोगों को टिकट दिया। बीते तीन चुनाव से राज्य में आधी आबादी सशक्त वोट बैंक के रूप में उभरी है। पंचायत चुनावों में 50 फीसदी और सरकारी नौकरी में 50 फीसदी आरक्षण, छात्राओं के लिए अलग योजना के कारण इस वर्ग का नीतीश के प्रति आकर्षण रहा है।

चुनाव से ठीक पहले नीतीश ने सीएम महिला स्वरोजगार योजना के तहत 1.21 करोड़ महिलाओं को दस हजार रुपये की सहायता देने के साथ सामाजिक न्याय पेंशन योजना में एकमुश्त 700 रुपये प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी, जीविका दीदियों का मानदेय बढ़ा कर विपक्ष को दबाव में ला दिया था। तेजस्वी ने इसकी काट के लिए सत्ता में आने पर माई बहन योजना के तहत प्रतिमाह 2,500 रुपये देने की घोषणा की है।

तेजस्वी के वादे क्रूर मजाक : भाजपा

भाजपा ने तेजस्वी पर अव्यावहारिक चुनावी वादों से जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, तेजस्वी के चुनावी वादे क्रूर मजाक हैं। इतने बड़े वादों के पीछे उनकी नीयत क्या है? जबकि बिहार सरकार के मौजूदा बजट से कई गुना ज्यादा राशि की जरूरत पड़ेगी। लोग महागठबंधन की चालबाजी में न आएं। तेजस्वी आप बिहार की जनता को बेवकूफ बनाना बंद कीजिए।

सीट बंटवारे की खींचतान महागठबंधन के पूरी तरह ध्वस्त होने का संकेत: चिराग

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सीट बंटवारे को लेकर जारी खींचतान के लिए महागठबंधन पर निशाना साधा। कहा कि सियासी दलों के बीच यह टकराव गठबंधन के पूरी तरह ध्वस्त होने का संकेत है। पासवान ने कहा, राहुल गांधी कहां हैं? क्या राहुल और तेजस्वी यादव की नैतिक जिम्मेदारी नहीं थी कि वे साथ बैठकर गठबंधन में आने वाली बाधाओं को दूर करें? यह कांग्रेस की गंभीरता की कमी को दर्शाता है। वे चाहे कुछ भी करें। उन्होंने कहा, हकीकत यही है कि 14 नवंबर के बाद एनडीए बिहार में सरकार बनाएगा।

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