पहली बार कैमरे के सामने आया छांगुर बाबा, बोला- ‘मैं निर्दोष हूं’

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में सामने आए धर्मांतरण मामले ने पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी है। इस मामले में मुख्य आरोपी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर पीर बाबा और उसकी महिला साथी नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन दोनों को बीते बुधवार मेडिकल जांच के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) लाया गया। इस दौरान पहली बार छांगुर बाबा ने मीडिया के कैमरे के सामने अपनी बात रखी। छांगुर बाबा ने कहा कि मैं बिल्कुल निर्दोष हूं, मुझे इस पूरे मामले की कोई जानकारी नहीं है। हालांकि जांच एजेंसियां उसकी इस बात से सहमत नहीं हैं।

क्या है पूरा मामला?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, छांगुर बाबा जिनका असली नाम जलालुद्दीन है, खुद को एक पीर बाबा बताता है। वह लंबे समय से लोगों का धर्म बदलवा रहा था। यह पूरा मामला तब सामने आया जब किसी ने इसकी शिकायत की। शिकायत के बाद जब जांच एजेंसियों ने छानबीन शुरू की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। जांच में पता चला कि जलालुद्दीन पहले बेहद गरीब था और भीख मांग कर गुजारा करता था। कुछ सालों तक वह मुंबई में भी रहा। बाद में वह बलरामपुर के रेहरा माफी गांव में आकर खुद को पीर बाबा बताने लगा। धीरे-धीरे उसने गांव के लोगों को अपने झांसे में लेना शुरू किया और धर्मांतरण का सिलसिला चल पड़ा।

अंतरराष्ट्रीय फंडिंग का खुलासा
इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश की एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) कर रही हैं। शुरुआती जांच में पाया गया कि इस धर्मांतरण नेटवर्क को विदेशी फंडिंग के जरिए चलाया जा रहा था। पिछले 3 सालों में लगभग 500 करोड़ रुपए की फॉरेन फंडिंग की बात सामने आई है। इसमें से 200 करोड़ की पुष्टि हो चुकी है। बाकी 300 करोड़ रुपए की रकम नेपाल के जरिए हवाला नेटवर्क से भारत लाई गई थी। एजेंसियों का मानना है कि इस फंड का इस्तेमाल धर्मांतरण और दूसरे संदिग्ध गतिविधियों के लिए किया गया।

छांगुर बाबा और उसकी साथी नसरीन से पूछताछ जारी
बताया जा रहा है कि छांगुर बाबा और उसकी साथी नीतू (नसरीन) से पूछताछ जारी है। एजेंसियां यह जानने में जुटी हैं कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस पूरे काम में विदेशी संगठनों या व्यक्तियों की क्या भूमिका रही। जांच के दायरे में अब कई और राज्य और विदेशी लिंक भी आ चुके हैं। माना जा रहा है कि यह केवल बलरामपुर तक सीमित मामला नहीं है, बल्कि इसके तार देश के कई हिस्सों और विदेशों से भी जुड़े हो सकते हैं।

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