बकरीद से पहले दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला

दिल्ली सरकार ने आगामी ईद-उल-अज़हा के अवसर पर गाय, बछड़े, ऊंट और अन्य प्रतिबंधित पशुओं की अवैध कुर्बानी के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि सभी कुर्बानी केवल निर्धारित स्थानों पर ही की जाएं, और सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी देना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके अतिरिक्त, सोशल मीडिया पर कुर्बानी की तस्वीरें या वीडियो साझा करने पर भी रोक लगाई गई है।

विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि यह कदम हमारी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय विरासत की रक्षा के लिए आवश्यक है, जिसमें पशु कल्याण एक अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा, “हम त्योहार के दौरान किसी भी अवैध कुर्बानी या क्रूरता को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

इससे पहले, मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने भी मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि वे सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और सोशल मीडिया पर कुर्बानी की तस्वीरें साझा करने से बचें। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा था कि “कुर्बानी एक धार्मिक कर्तव्य है, लेकिन इसे सरकारी नियमों के अनुसार ही किया जाना चाहिए।”

दिल्ली पुलिस ने भी सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने या धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली सामग्री साझा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने कहा कि इंटरनेट की निगरानी की जा रही है और ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सरकार और धार्मिक संगठनों की यह संयुक्त अपील है कि सभी नागरिक त्योहार के दौरान शांति और सौहार्द बनाए रखें, और किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल होने से बचें।

कानूनों का हवाला: किन नियमों पर आधारित है यह एडवाइजरी?
दिल्ली सरकार की यह एडवाइजरी भारत के मौजूदा पशु संरक्षण और सार्वजनिक स्वास्थ्य कानूनों पर आधारित है:

Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960

जानवरों के प्रति क्रूरता या गैर-कानूनी तरीके से मारना प्रतिबंधित है।

Transport of Animals Rules, 1978

जानवरों को ले जाने के नियम स्पष्ट हैं; किसी भी तरह की तकलीफ या अमानवीय व्यवहार दंडनीय है।

Slaughter House Rules, 2001

सिर्फ लाइसेंसशुदा स्लॉटर हाउस में ही जानवरों को मारा जा सकता है, वो भी कुछ शर्तों के तहत (जैसे कि जानवर बीमार न हो, गर्भवती न हो, आदि)।

Delhi Agricultural Cattle Preservation Act, 1994

दिल्ली में गाय, बैल, बछड़े की हत्या पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है।

FSSAI – Food Safety and Standards Act, 2006

ऊंट को खाद्य पशु के तौर पर सूचीबद्ध नहीं किया गया है, इसलिए उसकी बलि गैरकानूनी मानी जाती है।

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