बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के धमोखर बफर जोन में भालू का सड़ा-गला शव संदिग्ध हालात में मिला। वन विभाग ने जांच शुरू कर दी है। पोस्टमॉर्टम कराया गया, मौत का कारण स्पष्ट नहीं। डॉग स्क्वॉड की मदद से सर्चिंग जारी है। शिकार या बीमारी की आशंका जांच में है।
मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक भालू का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। यह घटना धमोखर बफर परिक्षेत्र के बरतराई बीट स्थित कक्ष क्रमांक पीएफ 143 के लांच टावर के पास की है। शव मिलने की सूचना मिलते ही रिजर्व के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी गई।
सूत्रों के अनुसार, भालू का शव काफी सड़ी-गली अवस्था में था, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि उसकी मौत लगभग तीन दिन पहले हुई होगी। टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्र की गहन सर्चिंग करवाई। सर्चिंग के लिए डॉग स्क्वॉड की भी मदद ली गई ताकि यदि कोई हिंसक झड़प या आपराधिक गतिविधि हुई हो तो उसके संकेत मिल सकें।
वन अधिकारियों की उपस्थिति में डॉक्टरों की एक टीम द्वारा भालू के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव का विधिवत अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि, अभी तक भालू की मौत के स्पष्ट कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई है।
मामले की जांच कर रहे अधिकारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि भालू की मृत्यु किन परिस्थितियों में हुई, इसका पता लगाने के लिए कई पहलुओं से जांच की जा रही है। घटनास्थल के आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण कर सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं। वन्यजीवों की अप्राकृतिक मृत्यु को लेकर बांधवगढ़ प्रशासन अत्यधिक सतर्क है और ऐसी घटनाओं पर विशेष ध्यान देता है।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व वन्यजीवों की विविधता और खासकर बाघों के लिए प्रसिद्ध है। यहां भालुओं की भी पर्याप्त संख्या है, ऐसे में किसी भालू की संदिग्ध मौत को हल्के में नहीं लिया जा सकता। क्षेत्रीय प्रशासन यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि कहीं यह मामला शिकार, आपसी संघर्ष या किसी बीमारी से जुड़ा तो नहीं है।
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि बफर जोन में वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए निगरानी तंत्र को और मजबूत किए जाने की जरूरत है। फिलहाल, भालू की मौत की असली वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।