मध्यप्रदेश में पिछले 24 घंटे में धार, सतना समेत प्रदेश के नौ जिलों में हल्की बारिश दर्ज की गई, जबकि भोपाल सहित कई इलाकों में आसमान पर बादल छाए रहे। देश के दक्षिणी हिस्से में सक्रिय निम्न दाब क्षेत्र (लो प्रेशर एरिया) का असर एमपी में दिख रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, यह सिस्टम दक्षिण-पूर्व अरब सागर से आगे बढ़ते हुए उत्तर-पूर्व दिशा की ओर जा रहा है। अगले 24 घंटों के भीतर इसका असर प्रदेश में और बढ़ेगा। विभाग का अनुमान है कि 25 से 27 अक्टूबर के बीच मध्यप्रदेश के आधे से अधिक हिस्से में हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी की संभावना बनी रहेगी।
इन जिलों में होगी बारिश
शुक्रवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं, पिछले 24 घंटों में अशोकनगर, छतरपुर, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, सतना, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी और धार जिलों में वर्षा दर्ज की गई।
भोपाल में छाए बादल, तापमान में गिरावट
गुरुवार को भोपाल में बादलों ने डेरा डाले रखा, जिससे दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। राजधानी में अधिकतम तापमान 31.9 डिग्री सेल्सियस रहा। इंदौर में 32, उज्जैन में 34, ग्वालियर में 33.8 और जबलपुर में 31.9 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। राज्य के कई जिलों बैतूल, गुना, खंडवा, शिवपुरी, दमोह, रीवा, सतना, सीधी और उमरिया में भी दिन का तापमान सामान्य से कम रहा। हालांकि, रात के तापमान में उतार-चढ़ाव जारी है, जिससे ठंड का असर अभी महसूस नहीं हो रहा।
नवंबर से शुरू होगी ठंड, फरवरी तक रह सकता है असर
मौसम विभाग का कहना है कि इस साल नवंबर से ठंड का दौर तेज़ी से शुरू होगा, जो जनवरी तक जारी रहेगा। इस बार फरवरी तक भी ठंड का असर रहने की संभावना है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2010 के बाद यह सर्दी सबसे कड़ाके की हो सकती है, क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ ज्यादा सक्रिय रहेंगे और सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। आईएमडी ने भी “ला-नीना” परिस्थितियों के विकसित होने की पुष्टि की है।
मानसून ने कहा अलविदा, लेकिन बारिश का दौर जारी
प्रदेश से मानसून आधिकारिक रूप से विदा हो चुका है। इस साल मानसून 16 जून को सक्रिय हुआ था और 13 अक्टूबर को विदाई ली, यानी करीब 3 महीने 28 दिन तक सक्रिय रहा। इसके बावजूद राज्य के कई हिस्सों में छिटपुट बारिश जारी है। इस बार मानसून की हैप्पी एंडिंग रही। भोपाल और ग्वालियर समेत 30 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश गुना जिले में 65.7 इंच हुई, जबकि श्योपुर में 216% बारिश का रिकॉर्ड बना। वहीं, शाजापुर जिले में सबसे कम 28.9 इंच (81%) वर्षा हुई, जिसे बारिश की भारी कमी की श्रेणी में रखा गया है।