महाराष्ट्र: तटकरे बोले- NDA में शामिल होना सामूहिक फैसला

एनसीपी के दोनों गुटों ने मंगलवार को अपने-अपने कार्यालयों में पार्टी का झंडा फहराकर 26वां स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि पार्टी का एनडीए में शामिल होने का फैसला सामूहिक था। इस दौरान उन्होंने पार्टी के दोनों गुटों के साथ आने की अटकलों को खारिज कर दिया।

एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने मंगलवार को पार्टी के एनडीए में शामिल होने के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी का एनडीए में शामिल होने का फैसला सामूहिक था। यह किसी एक व्यक्ति का फैसला नहीं था।

तटकरे मंगलवार को एनसीपी के 26वें स्थापना दिवस पर पत्रकारों से बात कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने एनसीपी के दोनों गुटों के साथ आने की अटकलों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने साफ किया कि एनसीपी के शरद पवार वाले गुट के साथ फिर से एक होने की कोई बात नहीं चल रही है। बता दें कि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) भी पुणे में अपना स्थापना दिवस मना रही है।

एनसीपी अध्यक्ष तटकरे ने बताया कि 2014 से कई बार पार्टी ने एनडीए में जाने का विचार किया था, लेकिन हर बार आखिरी समय में फैसला बदल गया। उन्होंने कहा कि 2023 में अजित पवार के नेतृत्व में पार्टी ने लोगों के कल्याण के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि यह किसी एक व्यक्ति का निर्णय नहीं था। पार्टी का सामूहिक फैसला था।

एनडीए में शामिल होकर भी नहीं छोड़ी मूल विचारधारा
तटकरे ने आगे कहा कि एनसीपी ने एनडीए में शामिल होकर भी अपनी धर्मनिरपेक्ष और छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा फुले, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर और शाहू महाराज की विचारधारा को नहीं छोड़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी की यात्रा जारी रहेगी।

दोनों गुटों के स्थापना दिवस के सवाल बोले तटकरे
पत्रकारों ने जब तटकरे से पूछा कि पुणे में दोनों गुट अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं, इस पर आपका क्या कहना है। सवाल के जवाब में तटकरे ने कहा कि एनसीपी की स्थापना 10 जून 1999 को हुई थी और चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को मान्यता दी है, इसलिए दोनों को स्थापना दिवस मनाने का अधिकार है। लोकसभा सांसद ने यह भी कहा कि दोनों गुटों के फिर से एक होने की कोई बातचीत नहीं चल रही है और पार्टी को ऐसा कोई प्रस्ताव भी नहीं मिला है।

2019 में एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना ने मिलकर बनाई थी सरकार
गौरतलब है कि 2019 में, अविभाजित एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी, जिसे महा विकास अघाड़ी (एमवीए) कहा गया। हालांकि, 2022 में एमवीए सरकार गिर गई। 2023 में, उस समय विपक्ष में रहे अजित पवार एनसीपी विधायकों के सत्ताधारी भाजपा-शिवसेना गठबंधन में शामिल हो गए और उपमुख्यमंत्री बने।

दोनों गुटों ने पार्टी का झंडा फहराकर मनाया स्थापना दिवस
इस साल, दोनों गुटों ने अपने-अपने कार्यालयों में पार्टी का झंडा फहराकर स्थापना दिवस मनाया। शरद पवार, सुप्रिया सुले और उनके गुट के नेता पुणे कार्यालय में थे, वहीं तटकरे और अजित पवार गुट के नेता बालेवाड़ी में शिवाजी स्टेडियम में मौजूद थे।

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