मॉक ड्रिल की तैयारी पूरी; आज शाम चार बजे बजेगा एयर रेड सायरन, पांच इलाकों में होगा अभ्यास

प्रशासन और सिविल डिफेंस ने आज बुधवार को होने वाली मॉक ड्रिल की तैयारियां पूरी कर ली हैं। शाम चार बजे से एयर रेड सायरन बजने के साथ मॉक ड्रिल शुरू हो जाएगी। इसके लिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास किया जाएगा। सिविल डिफेंस के स्वयंसेवी शहर में पांच इलाकों में इस तरह का अभ्यास करेंगे।

मॉक ड्रिल को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में सिविल डिफेंस के साथ बैठक हुई। इस दौरान सारी तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। इससे पहले शहर में आराघर चौकी, धारा चौकी, एनआईईपीवीडी, कलेक्ट्रेट और लक्खीबाग पुलिस चौकी पर लगे एयर रेड सायरन की जांच की गई। सभी जगह एयर रेड सायरन सही हालत में पाए गए। शाम चार बजे मॉक ड्रिल शुरू की जाएगी।

इसके लिए बड़े-बड़े आवासीय भवनों, सरकारी भवनों से लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास किया जाएगा। इस अभ्यास में कोई चुनौती या खामी पाई जाएगी तो उसे दुरुस्त किया जाएगा। इसके लिए सबसे अधिक रिस्पांस टाइम को परखा जाएगा। मसलन सायरन बजने पर कितनी देर में सिविल डिफेंस ने मोर्चा संभाला।

खतरों से भी लोगों को किया जाएगा आगाह
मॉक ड्रिल के दौरान भविष्य में होने वाले खतरों से भी लोगों को आगाह किया जाएगा। एयर रेड के समय लोग किस तरह अपनी जान बचा सकते हैं यह सब जानकारी इस मॉक ड्रिल में दी जाएगी। साथ ही ब्लैक आउट होने पर लोग किन किन वस्तुओं को अपने पास रखें और किनसे परहेज करें यह सब जागरूकता की जाएगी। इसे लेकर स्थानीय पुलिस को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।

मॉक ड्रिल को लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिलाधिकारी देहरादून ने सिविल डिफेंस के वार्डन के साथ बैठक कर सारी तैयारियों का जायजा लिया। सभी एयर रेड सायरन सही हालत में पाए गए हैं। बुधवार शाम चार बजे से मॉक ड्रिल शुरू की जाएगी। -पीवीके प्रसाद, डीजी, सिविल डिफेंस

आपदा को लेकर जून 2023 में हुई थी मॉक ड्रिल
शहर में कुल नौ जगहों पर एयर रेड सायरन लगे हुए हैं। युद्ध में हवाई हमलों के वक्त बजने वाले इन सायरन को जून 2023 में परखा गया था। उस वक्त आपदा को लेकर मॉक ड्रिल की गई थी। सभी स्विच आदि सही कराए गए थे। होमगार्ड और सिविल डिफेंस के स्वयंसेवियों ने इस मॉक ड्रिल में भाग लेकर लोगों को सचेत किया था। इस तरह के सायरन आपदा के प्रति संवेदनशील इलाकों में लगाए जाने की योजना भी बनाई गई थी।

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