यूपी: होमगार्ड बनने के नियमों में बदलाव

प्रदेश में होने वाली 44 हजार पदों पर होमगार्ड स्वयंसेवकों की भर्ती में अब सार्वजनिक, शासकीय व अर्द्धशासकीय सेवाओं में नियमित रूप से कार्यरत व्यक्ति आवेदन नहीं कर सकेंगे। पहले ऐसे कर्मी होमगार्ड बनने के लिए पात्र होते थे। होमगार्ड विभाग ने इसमें बदलाव करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। इसे मंजूरी मिलने के बाद सार्वजनिक, शासकीय एवं अर्द्धशासकीय सेवाओं में कार्यरत कर्मी होमगार्ड भर्ती के लिए बनने वाले एनरोलमेंट बोर्ड में आवेदन के लिए पात्र नहीं होंगे।

होमगार्ड भर्ती के लिए एनरोलमेंट की प्रक्रिया भी तय कर दी गई है। इसके आवेदन जिलेवार ऑनलाइन लिए जाएंगे। एनरोलमेंट वास्तविक रिक्तियों के सापेक्ष होगा जिससे लाखों युवाओं को आवेदन करने का मौका मिलेगा। होमगार्ड विभाग द्वारा तैयार की नई नियमावली में केंद्रीय स्तर पर एनरोलमेंट बोर्ड के गठन कर आवेदन लेने की व्यवस्था की गई है जिसमें 18 वर्ष से 30 वर्ष की आयु वाले ही आवेदन कर सकेंगे। सिर्फ पात्र व्यक्तियों को ही आयु सीमा में छूट दी जाएगी। यदि रिक्तियों की संख्या 11 हजार से अधिक है तो बोर्ड द्वारा वास्तविक रिक्तियों के सापेक्ष आवेदन लिया जाएगा।

आपराधिक मुकदमा है तो भी नहीं कर सकेंगे आवेदन
आवेदक जिस जिले का निवासी है उसका जिले की रिक्ति के सापेक्ष आवेदन लिया जाएगा। किसी न्यायालय में आपराधिक मुकदमा विचाराधीन होने पर भी वह आवेदन नहीं कर सकेगा। केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी द्वारा अथवा इन दोनों के स्वामित्व एवं नियंत्रणाधीन किसी निगम या निकाय द्वारा बर्खास्त व्यक्ति भी आवेदन नहीं कर सकेगा।

प्रतिष्ठित सेवा की वजह से जुड़ते थे लोग
दरअसल, होमगार्ड संगठन की स्थापना के बाद यह प्रतिष्ठित सेवाओं में शुमार थी। डॉक्टर, प्रोफेसर, वकील, पत्रकार समेत तमाम अन्य सेवाओं में कार्यरत लोग वर्दी पहनकर जनता की सेवा करने के उद्देश्य से अल्पकालिक समय के लिए भर्ती होते थे। पहले होमगार्ड स्वयंसेवकों की भर्ती 50 वर्ष की आयु तक हो जाती थी जिससे इस सुविधा का लाभ तमाम लोग उठाते थे। बाद में इसमें भ्रष्टाचार की शिकायतें आने पर इस पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया गया। अब नई नियमावली में इस व्यवस्था को पूरी तरह समाप्त करने की तैयारी है।

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