वाराणसी महानगर कांग्रेस कमेटी ने राहुल गांधी को धमकी मिलने पर निंदा प्रस्ताव पारित किया और उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की। राघवेंद्र चौबे की अध्यक्षता में हुई बैठक में भाजपा प्रवक्ता द्वारा दी गई धमकी की भर्त्सना की गई। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से राहुल गांधी की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
महानगर कांग्रेस कमेटी ने राघवेंद्र चौबे की अध्यक्षता में राहुल गांधी को धमकी मामले में निंदा प्रस्ताव पारित कर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से कड़ी सुरक्षा की मांग की है।
कहा कि भारतीय राजनीति के लिए गंभीर चिंता का विषय तब खड़ा हो गया जब बीजेपी प्रवक्ता पिंटू महादेव द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को जान से मारने की धमकी देने जैसी शर्मनाक टिप्पणी सामने आई। इस मामले ने पूरे देशभर में रोष की लहर पैदा कर दी है।
इसी संदर्भ में महानगर कांग्रेस कमेटी वाराणसी की एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने की। बैठक में सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। इस प्रस्ताव के माध्यम से न केवल इस आपत्तिजनक बयान की कड़ी भर्त्सना की गई बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से यह मांग की गई कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा को और अधिक चाक-चौबंद किया जाए।
राघवेंद्र चौबे ने इस अवसर पर कहा
“राहुल गांधी न केवल कांग्रेस पार्टी के नेता हैं बल्कि आज भारत की जनता की आवाज़ भी हैं। उन पर इस प्रकार की धमकी लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला है। यह चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि आज़ादी के बाद से गांधी परिवार के कई सदस्यों पर प्राणघातक हमले हुए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। ऐसे में राहुल गांधी की सुरक्षा सिर्फ कांग्रेस की नहीं बल्कि पूरे देश की जिम्मेदारी है।”
जनता के बीच यह चर्चा है कि जब लोकतंत्र के सबसे बड़े मंच संसद में विपक्ष के नेता को ही खुलेआम धमकी दी जा रही है जो देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए बेहद खतरनाक संकेत है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस मामले में सिर्फ निंदा ही नहीं बल्कि सख्त कार्रवाई भी की जानी चाहिए ताकि लोकतांत्रिक मूल्यों और नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिखा जाएगा
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि महानगर कांग्रेस कमेटी वाराणसी, काशी के सांसद और भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखेगी तथा गृहमंत्री अमित शाह से औपचारिक रूप से यह मांग की जाएगी कि श्री राहुल गांधी की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत और चाक-चौबंद किया जाए।
राघवेंद्र चौबे ने कहा कि “जब लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज़ को ही दबाने की कोशिश की जाएगी और उसे डराने-धमकाने का प्रयास होगा, तो यह देश की आत्मा पर सीधा प्रहार है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की जिम्मेदारी है कि वे न केवल राहुल गांधी बल्कि हर उस जननेता की सुरक्षा सुनिश्चित करें जो जनता की बात संसद में रखता है।”
लोकतांत्रिक ढांचे पर सवाल
इस धमकी को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और आम जनता के बीच भी गहरी चिंता देखी जा रही है। जनता का कहना है कि यदि देश के सबसे बड़े विपक्षी नेता को खुले मंच पर जान से मारने की धमकी मिल रही है, तो यह लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। कांग्रेस नेताओं का यह भी कहना है कि इस मामले में केवल बयानबाज़ी और निंदा पर्याप्त नहीं होगी बल्कि भाजपा नेतृत्व को अपने प्रवक्ता पर कार्रवाई करनी होगी, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की असंवैधानिक और असंस्कारी भाषा का इस्तेमाल करने का साहस न कर सके।
बैठक में राघवेन्द्र चौबे, फसाहत हुसैन बाबू, डॉ. राजेश गुप्ता, सतनाम सिंह, वकील अंसारी, अरुण सोनी, रमजान अली, मयंक चौबे, नरसिंह दास वर्मा, हसन मेंहदी कब्बन, प्रमोद वर्मा, सदानंद तिवारी, पीयूष श्रीवास्तव, अरविन्द कुमार,आशीष केशरी, खालिद सिद्दीकी, मनोज वर्मा मनु, अफसर खां, वंदना जयसवाल, संतोष चौरसिया समेत कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।