मध्य प्रदेश कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद प्रदेश भर में विरोध शुरू हो गया है। उठे विरोध को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी एक्शन मूड में आ गए हैं। एमपी कांग्रेस की तरफ से एक चेतावनी पत्र जारी किया गया है, जिसमें कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों के विरोध में सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट हटाने का निर्देश दिया गया है।
24 घंटे का दिया अल्टीमेटम
कांग्रेस के पत्र में कार्यकर्ताओं को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि सोशल मीडिया पर जिला अध्यक्ष के विरोध में जो भी पोस्ट डाली गई है, उसे हटा लिया जाए नहीं तो 24 घंटे बाद संगठन की तरफ से मामले में कार्रवाई की जाएगी। वहीं पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने भी बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि जो जिलाध्यक्ष अच्छा काम नहीं करेगा और उसे 6 महीने बाद हटा दिया जाएगा
भोपाल में भी विरोध
भोपाल में कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष मोनू सक्सेना ने पार्टी और नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पहले सोशल मीडिया और बद में प्रदर्शन किया। उन्होंने एक दिन पहले भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर परिसर में गांधी प्रतिमा के पास पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने जिला अध्यक्ष बनाए गए प्रवीण सक्सेना और उनके बड़े भाई संजीव सक्सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है पैसे के लालच में प्रवीण सक्सेना को फिर से जिला अध्यक्ष बना दिया है। उन्होंने कहा है अगर जल्द ही हमारे साथ न्याय नहीं हुआ तो हम खून से लेटर लिखकर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजेंगे।
गरिमा और अनुशासन से कोई समझौता नहीं
संगठन प्रभारी महासचिव डॉ. संजय कामले ने कहा कि कांग्रेस एक परिवार है और मतभेद संवाद से दूर किए जा सकते हैं। लेकिन संगठन की गरिमा और अनुशासन से कोई समझौता नहीं होगा। कांग्रेस का हर सिपाही भाजपा के खिलाफ संघर्ष और जनता की सेवा के लिए खड़ा है। इसलिए आंतरिक असहमति को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक करने की बजाय संगठन की अनुशासन समिति और प्रदेश प्रभारी,प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष के अलावा संगठन प्रभारी महासचिव के समक्ष ही रखा जाए।