शुक्र प्रदोष व्रत आज, जरूर करें इस कथा का पाठ

आज यानी 5 अगस्त 2025, दिन शुक्रवार को शुक्र प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से देवों के देव महादेव की खास कृपा मिलती है। इसके साथ ही सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। वहीं, जो साधक इस व्रत का पालन करते हैं, उन्हें इसकी व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए, क्योंकि यह पूजा का अहम हिस्सा मानी जाती है, तो आइए यहां पढ़ते हैं।

अंबापुर गांव में एक ब्राह्मण महिला रहती थी, जिसके पति का निधन हो चुका था। वह भिक्षा मांगकर गुजारा करती थी। एक दिन उसे दो छोटे बच्चे मिले, जिन्हें वह अपने साथ घर ले आई। कुछ समय बाद, वह उन बच्चों को लेकर ऋषि शांडिल्य के पास गई और उनके माता-पिता के बारे में पूछा। ऋषि ने बताया कि ये बच्चे विदर्भ नरेश के राजकुमार हैं, जिनका राज्य गंदर्भ नरेश ने छीन लिया है। यह सुनकर महिला ने उनसे राजपाट वापस पाने का उपाय पूछा। तब ऋषि शांडिल्य ने उन्हें प्रदोष व्रत करने की सलाह दी। महिला और दोनों राजकुमारों ने श्रद्धापूर्वक प्रदोष व्रत किया। इसके प्रभाव से बड़े राजकुमार की मुलाकात अंशुमती से हुई और दोनों विवाह के लिए तैयार हो गए।

अंशुमती के पिता ने राजकुमारों की मदद की और वे गंदर्भ नरेश को युद्ध में हराकर अपना राज्य वापस ले लिया। राजकुमारों ने उस ब्राह्मणी को दरबार में एक विशेष स्थान दिया, जिससे वह भी सुख से रहने लगी और भगवान भोलेनाथ की बड़ी भक्त बन गई।

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