हरियाणा में खेती पर संकट: नहरी पानी के लिए सड़क पर उतरेंगे किसान

कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने वीरवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर पेयजल संकट से लोगों को निजात दिलाने की मांग की है। सांसद सैलजा ने सीएम को लिखे पत्र में कहा कि जिले के अधिकांश जलघरों की डिग्गियां सूखी पड़ी हैं।

हरियाणा में पानी की अव्यवस्था और कमी के चलते संयुक्त जल संघर्ष समिति ने सड़क पर उतरने का निर्णय लिया है। किसान संगठनों ने 2 मई को सुबह 10 बजे होने वाले विरोध प्रदर्शन की तैयारियां पूरी कर ली हैं। एचएयू गेट नंबर 4 के सामने स्मृति वन पार्क में किसान एकत्र होंगे। इसके बाद लघु सचिवालय तक रोष मार्च निकाला जाएगा।

समिति प्रधान बिजेंद्र बेनीवाल, पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के महासचिव संदीप सिवाच ने कहा कि यह कपास की बिजाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण समय है, लेकिन नहरों में पानी नहीं है। पिछले एक महीने से नहर सूखी होने के कारण किसानों को दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। हिसार जिले में करीब 2.30 लाख हेक्टेयर में कपास की बिजाई होती है। खरीफ की फसलों में कपास सबसे महत्वपूर्ण फसल है। आधे से ज्यादा हरियाणा पानी के लिए तरस रहा है। सरकार ठोस प्रयास करने के बजाय सिर्फ बयानबाजी तक सीमित है।

समिति के महासचिव सतबीर पूनिया ने बताया कि भाखड़ा का पानी जब से आया है तब से आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि इस तरह लोगों को पीने के पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़े। समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेंद्र आर्य ने कहा कि हरियाणा व पंजाब की सरकारें जनहित के बारे में सोचें।

जलघरों की डिग्गियां सूखी, लोग 600 से 1200 रुपये में खरीद रहे टैंकर- सांसद
कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने वीरवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर पेयजल संकट से लोगों को निजात दिलाने की मांग की है। सांसद सैलजा ने सीएम को लिखे पत्र में कहा कि जिले के अधिकांश जलघरों की डिग्गियां सूखी पड़ी हैं।

नहरों में छोड़ा गया पानी टेल तक नहीं पहुंचा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरन लोगों को 600 से 800 रुपये प्रति टैंकर पानी खरीदना पड़ रहा है, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह दर 1200 रुपये तक पहुंच गई है।उन्होंने कहा कि नहरों में तब तक पानी छोड़ा जाए, जब तक गांवों की जलघरों की डिग्गियां पूरी तरह नहीं भर जातीं। साथ ही किसानों के लिए भी सिंचाई पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

इन क्षेत्रों में स्थिति सबसे गंभीर
नाथूसरी चोपटा क्षेत्र के गांव गुसाई आना, कुम्हारिया, हजीरा, जसानिया, गंजा रुपाणा, कागदाना, जमाल, गिगोरानी, खेड़ी, राजपुरा साहनी, जोडकिया, रामपुर बगड़िया, कैरावाली, दड़बा कलां, मानक दिवान, रंधावा, निर्बाण, शेरांवाली, कर्मसाना, बकरियांवाली, मोडिया और माधोसिंघाना में पेयजल की भारी किल्लत बनी हुई है। इसके अलावा रानियां, ऐलनाबाद और डबवाली क्षेत्र के गांव भी संकट से जूझ रहे हैं। चौटाला जैसे बड़े गांव में भी पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई है। अधिकतर गांवों में ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति होती है, लेकिन वहां का पानी खारा है, जिससे लोग जलजनित रोगों की चपेट में आ रहे हैं।

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