मुस्लिमों की आबादी दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। यह खुलासा प्यू रीसर्च सेंटर की स्टडी में हुआ है। इसके अनुसार 2010-2020 के बीच दुनिया में मुस्लिम आबादी 34.7 करोड़ से बढ़कर 194.6 करोड़ हो गई है। इसकी के साथ मुस्लिम समुदाय की वैश्विक हिस्सेदारी 25.6 प्रतिशत हो चुकी है।
हिंदुओं की आबादी स्थिर
हिंदुओं की बात करें तो पिछले 10 साल में हिंदू आबादी में इजाफा देखने को मिला है, हालांकि हिंदुओं की वैश्विक हिस्सेदारी 15 प्रतिशत पर ही स्थिर बनी हुई है, यह न तो बढ़ी है और न ही घटी है। 2010-2020 के बीच हिंदुओं की आबादी 12.6 करोड़ से बढ़कर 115.8 करोड़ हो गई है।
ईसाई, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समूह
प्यू की रीसर्च के अनुसार, ईसाई समुदाय दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समूह बन चुके है। पिछले 10 साल में इनकी आबादी 12.2 करोड़ से बढ़कर 229 करोड़ हो गई है। इसके बावजूद ईसाई समुदाय की वैश्विक हिस्सेदारी में गिरावट दर्ज की गई है, जो 30% से घटकर 28% रह गई है।
धर्म | देश | वैश्विक हिस्सेदारी |
ईसाई-मुस्लिम | 53 | 53.6% |
नास्तिक | 10 | 18.2% |
बौद्ध | 7 | 4.2% |
हिंदू | 2 | 15% |
यहूदी | 1 | 0.2% |
अन्य धर्म | 1 | 2.2% |
कोई बहुसंख्यक नहीं | 7 | – |
नास्तिकों की आबादी भी बढ़ी
रीसर्च रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि 2010 में दुनिया में कुल 113 लोग नास्तिक थे, जो किसी भी धर्म को नहीं मानते। 2020 तक इनकी आबादी बढ़कर 140 करोड़ हो गई है, जोकि 27 करोड़ का इजाफा है। वहीं, वैश्विक हिस्सेदारी की बात करें तो नास्तिक 18.2 प्रतिशत हैं।
अन्य धर्मों की हिस्सेदारी
प्यू की रीसर्च में अन्य धर्मों का भी विवरण मौजूद है। मसलन बौद्ध धर्म के लोगों की संख्या 1.9 करोड़ घटकर 32.4 करोड़ ही रह गई है और इनकी वैश्विक हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से कम होकर 4.2 प्रतिशत ही बची है। इसके अलावा यदूही समुदाय दुनिया की सबसे छोटी धार्मिक आबादी है, जिनकी आबादी 1.4 से बढ़कर 1.5 करोड़ हो गई है। यहूदी समुदाय की वैश्विक हिस्सेदारी महज 0.2 प्रतिशत है। वहीं, अन्य धर्मों जैसे सिख, जैन और बहाई समुदाय की आबादी 1.8 करोड़ बढ़कर 17.2 करोड़ हो गई है। इनकी वैश्विक हिस्सेदारी 2.2 प्रतिशत है।