उत्तराखंड: पहाड़ से मैदान तक बारिश का ऑरेंज अलर्ट, खतरे के निशान पर नदियां

उत्तराखंड में दूसरे दिन भी तेज बारिश मैदान से लेकर पहाड़ तक मुश्किलें बढ़ा सकती है। कल देहरादून समेत नैनीताल, चम्पावत, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर और टिहरी जिले के कुछ हिस्सों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि अन्य जिलों में भी तेज दौर की बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक रोहित थपलियाल ने बताया, प्रदेश भर में 10 अगस्त तक भारी बारिश होने की संभावना है। खासकर पर्वतीय इलाकों में तेज दौर की बारिश के आसार हैं। वहीं, बारिश की वजह से सुरक्षा को देखते हुए देहरादून, पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार में मंगलवार को भी स्कूल बंद रहेंगे।

तीन लोगों की मौत
राज्य में प्राकृतिक आपदा के चलते राज्य में तीन लोगों की मौत हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार तीन अगस्त की रात 11:50 पर नैनीताल जिले के तहसील हल्द्वानी के अंतर्गत बसानी भाखड़ा नाले में एक व्यक्ति के बह गया था। सोमवार को एसडीआरएफ ने संबंधित व्यक्ति का शव बरामद कर लिया है। पौड़ी गढ़वाल जिले के दुगडडा- कोटद्वार मोटर मार्ग पर सिद्धबली मंदिर के पास एक सवारी वाहन पर पहाड़ी से पत्थर गिरने पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसमें दो लोगों की मौत हो गई और छह घायल हुए हैं। वहीं, जून के बाद से राज्य में आपदा से 33 लोगों की मौत और 24 लोग घायल हो चुके हैं। आपदा में आठ लोग लापता भी हैं।

नदियों का जलस्तर खतरे के पास पहुंचा
बारिश के चलते नदियों का जल स्तर खतरे के स्तर के पास पहुंच गया। हालांकि अधिकांश जगह जल स्तर स्थिर है या कम हो रहा है। सिंचाई विभाग केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सोमवार तीन बजे तक मायाकुंड ऋषिकेश में गंगा नदी का खतरे का स्तर 340.50 मीटर है, यहां पर नदी का जल स्तर 338.60 पहुंच गया। यहां पर नदी का जलस्तर कम हो रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार हरिद्वार में खतरे का जलस्तर 294 मीटर है, यहां पर 292.75 मीटर (शाम चार बजे) पर जल स्तर पर पहुंच गया।

नौ गांव में यमुना नदी के खतरे का स्तर 1060.40 मीटर है, यहां नदी का जल स्तर 1058.64 मीटर पर पहुंचा गया था। यहां पर नदी का जलस्तर स्थिर है। पिथौरागढ़ चमगाढ़ में सरयू का 453 खतरे का जलस्तर है, जो 448 मीटर तक पहुंचा था जो कम हो रहा है। पिथौरागढ़ धारचूला में काली नदी के खतरे का जलस्तर 890 मीटर है, यहां पर नदी का स्तर 889 मीटर तक पहुंच गया था और जौलजीबी में खतरे का स्तर 607.80 मीटर और नदी का स्तर 604.75 मीटर पर पहुंचा था। दोनों जगह पर नदी का जल स्तर कम हो रहा है।

चौखुटिया में रामगंगा का खतरे का स्तर 923.45 मीटर है, यहां पर नदी का जल स्तर 921.75 मीटर तक पर पहुंच गया था और कपकोट में सरयू का जल स्तर 1030.95 मीटर पर पहुंचा था, यहां पर खतरे का स्तर 1034 मीटर है। दोनों जगहों पर नदी का जल स्तर स्थिर बना है। बागेश्वर में सरयू का जल स्तर 866.60 मीटर पर पहुंच गया, यहां खतरे का जलस्तर 870.70 मीटर है, यहां पर जल स्तर स्थिर है। वहीं, जोशीमठ में अलकनंदा और सत्यनारायण में सौंग नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। वहीं, टिहरी डैम का अधिकतम जल स्तर 830 मीटर है, यहां पर जल स्तर 803.14 मीटर रहा। ब्यूरो

मलबा आने से चार हाईवे सहित 117 सड़कें बंद
पहाड़ों में बारिश आफत बनकर बरस रही है। बारिश के बाद मलबा आने से चार हाईवे सहित 117 सड़कें बंद हो गई हैं। इसमें पांच राज्यमार्ग और 79 ग्रामीण सड़कें भी शामिल हैं।

ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में महरगांव और स्यानाचट्टी के पास 25 मीटर भूधसाव हुआ है। जिसे देखते हुए यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। उत्तरकाशी जिले में ऋषिकेश-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी डबरानी के पास मलबा और पहाड़ी से पत्थर गिरने की वजह से बंद है। इस जिले में एक जिला और 17 ग्रामीण मार्ग भी बंद हैं। पिथौरागढ़ जिले में भी बारिश के बाद जगह-जगह सड़कों पर मलबा आ गया है। जिले में तवाघाट-सोबला राष्ट्रीय राजमार्ग में तवाघाट के पास पहाड़ी से बड़े पत्थर आ गए हैं। इसके अलावा तवाघाट-घटियाबगड़-लिपुलेख राष्ट्रीय राजमार्ग के किलोमीटर 61.600 पर पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। जिले में दो राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ ही 19 ग्रामीण मार्ग भी बंद हैं।

इन जिलों में इनती सड़कें हैं बंद
बारिश के बाद मलबा आने से अल्मोड़ा जिले में दो, बागेश्ववर में चार, चमोली और देहरादून में आठ-आठ सड़कें बंद हैं। इसके अलावा नैनीताल जिले में 13, पौड़ी में 20, रुद्रप्रयाग में 13, टिहरी में आठ सड़कें बंद हैं।

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