धराली, हर्षिल, मुखबा में आपदा राहत कार्यों में लगे कर्मियों, पुलिस बल, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ ने भी ध्वजारोहण किया।
आजादी का महापर्व पर आपदा के ज़ख्मों पर भारी पड़ा। आपदा प्रभावित धराली गांव में खीरगंगा के तट पर सुरक्षित बचे समेश्वर देवता मंदिर प्रांगण में आज स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के साथ ही जिंदगी को नए सिरे से संवारने का संकल्प व्यक्त किया। धराली में एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी ने ध्वजारोहण कर आपदा प्रभावितों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। इस अवसर पर आपदा में मृत लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया तथा पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की गई।
धराली, हर्षिल, मुखबा में सुबह 9 बजे ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान गाया गया। इस अवसर पर आपदा राहत कार्यों में लगे कर्मियों, पुलिस बल, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ ने भी ध्वजारोहण किया। आपदा प्रभावित क्षेत्र में स्थानीय नागरिकों, युवाओं और बुजुर्गों ने भी आजादी के इस पर्व में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
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कार्यक्रम में वक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि भले ही आपदा ने भौतिक क्षति पहुंचाई हो, लेकिन हमारी आत्मा और देशभक्ति की भावना अडिग है। यह स्वतंत्रता दिवस न केवल आज़ादी का प्रतीक है, बल्कि हमारी एकजुटता, साहस और संघर्ष की जीवंत मिसाल भी है। कार्यक्रम के समापन पर शांति और समृद्धि की कामना के साथ संकल्प लिया गया कि हम सभी मिलकर पुनर्निर्माण में अपना योगदान देंगे और इस आपदा से प्रभावित क्षेत्र को फिर से संवारेंगे।