उपराष्ट्रपति चुनाव में इंडी गठबंधन करेगा खेला! NDA का पलड़ा कितना भारी

बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने इसकी जानकारी दी।

सीपी राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। वहीं, इंडी गठबंधन ने अभी उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा किया है। इस बीच केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि हम विपक्ष से हम बात करेंगे। हमें उनका समर्थन मिलना चाहिए, जिससे इस पद के लिए निर्विरोध चुनाव कराया जा सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सीपी राधाकृष्णन को बधाई दी है। इन सब के बीच आइए आपको बताते हैं कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए या इंडी गठबंधन में किसका पलड़ा भारी है…

उपराष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल में किसका पलड़ा भारी?
उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होना है। चुनाव के परिणाम भी उसी दिन सामने आ जाएंगे। भारत में उपराष्ट्रपति में लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य वोटिंग करते हैं। इसमें मनोनित सदस्यों को भी वोट देने का अधिकार प्राप्त होता है।

वर्तमान स्थिति में संख्या बल में एनडीए गठबंधन का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। चूंकि दोनों सदनों की संयुक्त क्षमता को अगर देखें तो वह 786 की है। हालांकि, इसमें 6 सीटें रिक्त भी हैं। जिसमें 1 लोकसभा (बशीरहाट, पश्चिम बंगाल) में और पांच राज्य सभा, जिसमें चार जम्मू-कश्मीर और एक पंजाब में सीट रिक्त है।

आंकड़े क्या कहते हैं?
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति के पद पर खड़े उम्मीदवार को जीतने के लिए कम से कम 349 वोटों की आवश्यकता है। ऐसे में वर्तमान में एनडीए की स्थिति अच्छी है। एनडीए के पास लोकसभा में 542 में से 293 सदस्य हैं। वहीं, राज्यसभा (प्रभावी संख्या) में 129 सांसद हैं। इसमें मनोनित सदस्यों का समर्थन भी शामिल है।

इस स्थिति में एनडीए गठबंधन के पास कुल अनुमानित वोटों की संख्या करीब 422 है। यह संख्या बहुमत से ज्यादा है, ऐसे में देखा जाए तो एनडीए का पलड़ा भारी है। बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 68(2) के तहत, त्यागपत्र, मृत्यु, पद से हटाए जाने या किसी अन्य कारण से उपराष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाए, तो इसे भरने के लिए जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए।

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