शिरोमणि अकाली दल के नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया को कोर्ट से राहत नहीं मिली है। मोहाली कोर्ट ने मजीठिया की जमानत याचिका रद्द कर दी है। ऐसे में अभी मजीठिया को जेल में ही रहना होगा।
आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया की जमानत याचिका सोमवार को जिला अदालत ने खारिज कर दी। अब राहत के लिए मजीठिया हाईकोर्ट का रुख करेंगे। सुनवाई के दौरान अदालत में सरकारी और मजीठिया के वकील पेश हुए। इससे पहले मजीठिया की जमानत याचिका पर अदालत करीब सात बार अपना फैसला सुरक्षित रख चुकी थी।
सरकारी वकील ने अदालत से बाहर आकर कहा कि विरोधी पक्ष ने 600 पेज की बेल याचिका लगाई थी। उनके सभी सवालों का जवाब अदालत में बहस के दौरान दिया गया। सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट अदालत में दिखाई गई। उन्होंने कहा कि अदालत को बताया गया कि मामले में अभी जांच लंबित हैं। इन सभी दलीलों के बाद अदालत ने फैसला सुनाया।
वहीं, बिक्रम सिंह मजीठिया की पत्नी गनीव कौर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके अपने खिलाफ जारी नोटिस को रद्द करने की मांग की है। यह नोटिस 10 अगस्त 2025 को उनके पति बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में दर्ज एफआईआर के संबंध में भेजा गया था। नोटिस में गनीव कौर से कुछ दस्तावेज मांगे गए हैं। पंजाब सरकार ने स्पष्ट किया है कि गनीव कौर इस मामले में दोषी नहीं हैं, लेकिन उन्हें गवाह के तौर पर नोटिस जारी किया गया है। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार से जवाब मांगा है।