बाढ़ प्रबंधन और प्रशासनिक तैयारियों का सीएम रेखा गुप्ता ने किया निरीक्षण

राजधानी दिल्ली में बाढ़ के खतरे के बीच सीएम रेखा गुप्ता ने आज दिल्ली के यमुना बाज़ार क्षेत्र का दौरा कर बाढ़ प्रबंधन और प्रशासनिक तैयारियों का निरीक्षण किया। साथ ही सीएम रेखा गुप्ता ने स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याएं भी सुनीं।

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि सुबह कुछ समय के लिए यमुना का जलस्तर 206 मीटर को छूने की संभावना थी, लेकिन स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। यह इलाका यमुना के फ्लड प्लेन का लो-लाइन क्षेत्र है इसलिए पानी यहां तक पहुंचा। दिल्ली में बाढ़ जैसी कोई भी स्थिति नहीं है। यह जलस्तर का अधिकतम चढ़ाव था और अब पानी उतरने की दिशा में है। सीएम ने कहा कि कंट्रोल रूम से लगातार हालात की निगरानी की जा रही है। राहत और बचाव दल पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हैं जिससे हर स्थिति से निपटा जा सके।

सीएम ने आगे कहा की मैं दिल्लीवासियों को आश्वस्त करना चाहती हूँ कि सरकार हर कदम पर आपके साथ खड़ी है। आपकी सुरक्षा और सुविधा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए किसी भी तरह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

सुबह आठ बजे यमुना का जलस्तर 205.79
सुबह आठ बजे तक यमुना का वाटर लेवल 205.79 था। वहीं हथनी कुंड बैराज से 38361 क्यूसेक, वज़ीराबाद बैराज से 68230 क्यूसेक और ओखला बैराज 91212 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

दिल्ली पुलिस और डीडीएमए की राहत बचाव टीमों ने यमुना के किनारे की झुग्गियों में सर्च ऑपरेशन चलाया। प्रशासन ने यमुना के बाढ़ क्षेत्र से सभी को बाहर निकाला। पूर्वी दिल्ली में गीता कॉलोनी के पास बंध रोड पर बने केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से 24 घंटे यमुना के जलस्तर की निगरानी हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि वे बाढ़ से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। दिल्ली बोट क्लब में करीब 24 नौकाएं, गोताखोर, पीडब्ल्यूडी, दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की टीमें आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।

राहत बचाव के लिए प्रशासन मुस्तैद
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्लीवासियों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, उनकी सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। इसके लिए राहत और बचाव कार्यों के लिए 14 अहम जगहों पर नावों की तैनाती की गई है। साथ ही यमुना का पानी मुख्य सड़कों तक न पहुंचे और ट्रैफिक प्रभावित न हो, इसके लिए सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए है। साथ ही सभी रेगुलेटर्स को पूरी तरह चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं। 15 वायरलेस स्टेशन स्थापित हैं जो यमुना के जलस्तर, जलभराव की निगरानी कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *