सिद्धार्थ ने क्यों की मां-बाप और भाई की हत्या? धारदार चाकू से गला रेता

दक्षिण दिल्ली के मैदान गढ़ी थाना इलाके के खरक गांव में बुधवार शाम दिल दहला देने वाला तिहरा हत्याकांड हुआ। हत्यारोपी सिद्धार्थ (उम्र 22-23 वर्ष) ने अपने पिता प्रेम सिंह (48), मां रजनी (45) और भाई बेटा ऋतिक (24) की बेरहमी से हत्या कर दी। लहूलुहान हालत में मिले तीनों शवों के गले पर धारदार चाकू से गला रेतने के निशान थे और चेहरा ईंट से कुचला गया था। पुलिस को दूसरी मंजिल और ग्राउंड फ्लोर से एक-एक चाकू मिला है। जानकारी के मुताबिक आरोपी युवक अवसाद में था और उसका एम्स से इलाज चल रहा था। वह अभी फरार है, उसकी तलाश में दबिश दी जा रही है।

दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि पुलिस को मकान संख्या 155, सतबारी खरक गांव से बुधवार शाम पीसीआर कॉल प्राप्त हुई थी। कॉलर ने बताया कि यहां एक लड़के ने अपना हाथ काट लिया है। घर में बहुत सारा खून पड़ा है और उसे मदद चाहिए। सूचना पर मैदान गढ़ी थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो घर में प्रवेश करने पर दो लोगों के लहूलुहान शव ग्राउंड फ्लोर पड़े थे। पहली मंजिल पर रजनी नाम की महिला का शव मिला, जिसका मुंह कपडे़ से बांधा था। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि वारदात स्थल से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि वारदात के बाद मृतक दंपत्ति का बेटा सिद्धार्थ (उम्र 22-23 वर्ष) मौके से फरार मिला। उन्होंने बताया कि उसका एम्स में अवसाद का इलाज चल रहा था।

आरोपी युवक नशे का आदि है
स्थानीय लोगों का दावा है कि सिद्धार्थ नशे का भी आदी है और इसको लेकर वह आए दिन परिवार के लोगों से झगड़ा करता रहता था। वह दोस्तों के साथ नशा करता था। वह काफी सिगरेट पीता था। इसके उलट पुलिस का कहना है कि सिद्धार्थ मानसिक रूप से बीमार था और उसका मानसिक इलाज चल रहा था।

शव दिखाई दे रहे थे
स्थानीय लोगों के अनुसार ने बताया कि पीड़ित घर के सामने से मोहल्ले का एक युवक गुजर रहा था। घर का दरवाजा खुला था। बाहर से घर में पड़े खून से लथपथ शव दिखाई दे रहे थे। इस युवक ने पुलिस को सूचना दी थी। चार में से तीन की बर्बर तरीके से हुई हत्या और परिवार के सबसे छोटे सदस्य सिद्धार्थ के गायब होने से उस पर ही हत्या करने का शक गहराया।

घर से मिले इलाज के दस्तावेज
पुलिस उपायुक्त अंकित चौहान ने बताया कि घर की तलाशी में सिद्धार्थ के इलाज के दस्तावेज और दवाइयां बरामद हुई। इन दस्तावेजों से पता चला है कि पिछले 12 वर्षों से वह मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों से इलाज करवा रहा था। वह हमेशा आक्रामक रहता था।

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