1989 में कांग्रेस विधायक की हत्या के मामले में टाडा कानून के तहत आजीवन कारावास की सजा पाए दोषी की रिहाई को गुजरात हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। हाईकोर्ट ने दोषी को दी गई राहत को अवैध और बिना किसी कानूनी अधिकार वाला बताया है। हाईकोर्ट ने दोषी को दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति हसमुख सुथार की पीठ ने गोंडल सीट से तत्कालीन कांग्रेस विधायक पोपट सोरठिया की हत्या के लिए टाडा के तहत दोषी अनिरुद्धसिंह जडेजा को दी गई राहत को अवैध करार दिया। जडेजा को 2018 में छूट पर रिहा किया गया था। अपने फैसले में अदालत ने कहा कि तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कारागार सुधार एवं प्रशासन) टीएस बिष्ट ने बिना किसी अधिकार के जडेजा को माफी का लाभ दिया। उनका आदेश गलत और कानून के विपरीत होने के साथ-साथ अंतर्निहित अधिकार क्षेत्र की कमी से जुड़ा था।