वोट चोरी के आरोप, लेकिन नाम जोड़ने-कटवाने चुनाव आयोग नहीं पहुंची कोई पार्टी

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ‘वोट अधिकार यात्रा’ के अंतर्गत 24 अगस्त को अररिया पहुंच चुके हैं। भारी भीड़ ने दोनों नेताओं का जबरदस्त स्वागत किया है। यहां भी राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग पर जनता का ‘वोट चुराने’ का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि वे महाराष्ट्र या हरियाणा की तरह बिहार में वोट चोरी नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें लगातार ऐसे लोग मिल रहे हैं जिन्हें मृत बताकर उनका वोट काट दिया गया है।

हालांकि, राहुल-तेजस्वी के वोट चोरी के आरोपों के दिन ही चुनाव आयोग ने एक सूचना जारी कर कहा है कि अब तक एक भी राजनीतिक पार्टी ने किसी मतदाता का नाम मतदाता सूची में जोड़ने या काटने के लिए संपर्क नहीं किया है। चुनाव आयोग ने गलत आधार पर किसी मतदाता का नाम सूची में शामिल करने से छूटने या कटने पर उसके संशोधन के लिए एक महीने का समय दिया था। यह समय सीमा एक सप्ताह में समाप्त होने वाली है। वोट चोरी के तमाम दावों के बीच राजद-कांग्रेस का चुनाव आयोग न पहुंचना विपक्ष के अपने ‘वोट चोरी’ के दावों पर सवाल खड़े कर रहा है।

इतने बीएलए, लेकिन मतदाता सूची पर कोई प्रश्न नहीं
चुनाव आयोग के अनुसार, विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण में सबसे बड़े विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल के 47,506 और कांग्रेस के 17,549 बीएलए काम कर रहे हैं। इसके अलावा वामदलों के 899 और 1496 बीएलए एसआईआर में सहयोग दे रहे हैं। (वामपंथी दल के नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने बीएलए की संख्या पर भी सवाल खड़े किए हैं)। ये बीएलए किसी एक क्षेत्र के नहीं, बल्कि पूरे बिहार से हैं। लेकिन किसी भी क्षेत्र के बीएलए के द्वारा अपने बूथ क्षेत्र में किसी भी मतदाता का नाम काटने या जोड़ने के लिए अब तक संपर्क नहीं किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *