भारत-अमेरिका तनाव पर पीयूष गोयल ने दिया बड़ा अपडेट

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत, अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर बातचीत कर रहा है।

उन्होंने यहां एक उद्योग संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘अब तक बहुत कुछ हुआ है और अभी बहुत कुछ होना बाकी है। हम बीटीए के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे हैं।’ भारत और अमेरिका मार्च से इस समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।

पांच दौर की वार्ता पूरी
अब तक पांच दौर की वार्ता पूरी हो चुकी है। 27 अगस्त से 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद अमेरिकी दल ने अगले दौर की वार्ता के लिए भारत का अपना दौरा स्थगित कर दिया है जो 25 अगस्त से शुरू होने वाली थी। अभी तक छठे दौर की वार्ता के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई है।

गोयल ने आगे कहा कि भारत पहले ही आस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, मारीशस, ब्रिटेन और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर चुका है। भारत और अमेरिका के बीच तनाव के बीच, अमेरिकी वित्त मंत्री स्काट बेसेंट ने कहा कि अंत में दोनों महान देश इस समस्या का समाधान निकाल लेंगे।

अग्रिम चरण में भारत-EU मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत
उन्होंने ‘फॉक्स न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) को भी काफी हद तक दिखावा बताया। भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर गोयल ने कहा कि बातचीत अग्रिम चरण में है। उन्होंने कहा, ‘हम बहुत सक्रिय और महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं।’ उन्होंने यह भी बताया कि वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल इस समझौते पर यूरोपीय संघ के अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए ब्रसेल्स में हैं।

पटरी पर लौट रहे हैं भारत-चीन संबंध- गोयल
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत-चीन संबंध धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सीमा मुद्दे सुलझते जाएंगे तनाव कम होता जाएगा।

गोयल से पत्रकारों ने पूछा कि अगर भारत और चीन अपने संबंधों को फिर से स्थापित कर रहे हैं, तो क्या पीएन3 में ढील की गुंजाइश है। इस पर उन्होंने कहा, ‘यह एक एससीओ शिखर सम्मेलन था, जिसमें सभी एससीओ सदस्यों ने भाग लिया। गलवान में हमारे सामने एक समस्या थी, जिसके कारण हमारे संबंधों में थोड़ी तल्खी आई थी। मुझे लगता है कि सीमा मुद्दों का समाधान होने के साथ ही स्थिति का सामान्य होना एक बहुत ही स्वाभाविक परिणाम है।’

चीन से भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) के लिए सभी क्षेत्रों में वर्तमान में सरकारी अनुमोदन लेना अनिवार्य है। यह नीति अप्रैल, 2020 में प्रेस नोट 3 (पीएन3) के रूप में जारी की गई थी।

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