राजधानी भोपाल में खराब होती सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था से जूझ रहे नागरिकों को जल्द राहत मिलने के आसार हैं। दिसंबर से शहर की सड़कों पर 100 नई इलेक्ट्रिक बसें दौड़ने की संभावना है। इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं और पहले चरण में दो बस डिपो लगभग तैयार हो चुके हैं। फिलहाल भोपाल में सीमित संख्या में ही सिटी बसें संचालित हो रही हैं, जिससे यात्रियों को घंटों इंतजार और असुविधा का सामना करना पड़ता है। नए इलेक्ट्रिक बस बेड़े के शुरू होने से सस्ती, स्वच्छ और आरामदायक यात्रा संभव हो सकेगी।
शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बिगड़ी
भोपाल शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था गड़बड़ चल रही है। पहले जहां शहर की सड़कों पर सैकड़ों लो-फ्लोर बसें दौड़ती थीं, अब उनकी संख्या सिमटकर कुछ दर्जन रह गई है। लंबे समय से खराब प्रबंधन और संसाधनों की कमी के चलते इस सेवा में सुधार की उम्मीदें लगभग खत्म हो चुकी हैं। अब सारा फोकस इलेक्ट्रिक बसों पर है, जो दिसंबर से सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं।
शहर की बस सेवा में यह आया बदलाव
पहले अब
368 बसें संचालित 65-70 बसें ही रह गईं
24 मार्गों पर सेवा केवल 4-6 मार्ग चालू
2.5 लाख यात्री प्रतिदिन महज 10-15 हजार यात्री
हर 5-10 मिनट में बस 60-90 मिनट का इंतजार
बसों की खासियतें और सुविधाएं
एसी बसें, हर बस में 45 सीटों की क्षमता
250 किमी तक की दूरी एक बार चार्ज में तय करने की क्षमता
सभी बसें होंगी सीसीटीवी, जीपीएस और लाइव ट्रैकिंग से लैस
यात्रियों को मिलेगी स्मार्ट पास और रियायती किराए की सुविधा
खास फोकस महिलाओं, छात्रों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए
दूसरे चरण में 95 और बसें
जानकारी के मुताबिक दूसरे चरण में शहर को और 95 इलेक्ट्रिक बसें मिलने की संभाना है। इसके लिए दो अन्य स्थानों पर डिपो बनाए जाएंगे। पूरे प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा करने की रणनीति है। निगम अधिकारियों का कहना है कि इस पूरी योजना के लागू होने से भोपाल में सार्वजनिक परिवहन का नया युग शुरू होगा, जो पर्यावरण, सुविधा और समय तीनों के लिए बेहतर साबित होगा।