सोनीपत के गांव पांची गुजरान स्थित दिल्ली इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड में बुधवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश के पहले वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक ट्रक बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय भारी उद्योग एवं इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी और स्थानीय भाजपा नेता भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि भारत तेजी से वैकल्पिक ईंधन की ओर बढ़ रहा है और आने वाला समय डीजल-मुक्त परिवहन का होगा। उन्होंने कहा, “मैं किसान हूं और अब किसान ‘अन्नदाता’ ही नहीं, ‘ऊर्जा दाता’ भी बनेगा। पराली, मक्का, गन्ना और कचरे से अब ईंधन तैयार हो रहा है।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के नागपुर और मध्यप्रदेश के जबलपुर में पराली से सड़कों का निर्माण हो रहा है, और देश में 50 लाख टन पराली से बायोफ्यूल बनाने की प्रक्रिया जारी है। गडकरी ने दावा किया कि वह खुद बायो-एथेनॉल से चलने वाले वाहन से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, जिससे न सिर्फ प्रदूषण में कमी आती है, बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ती है।
उन्होंने कहा कि अब कृषि यंत्रों के लिए भी फ्लेक्सी इंजन विकसित किए जा रहे हैं और ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) तकनीक से परिवहन क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ रहा है। गडकरी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में बैटरियों की कीमत में 50-60 फीसदी तक गिरावट आई है।
गडकरी ने ट्रांसपोर्टरों से अपील की कि वे डीजल और पेट्रोल से छुटकारा पाकर इलेक्ट्रिक और बायोफ्यूल विकल्प अपनाएं ताकि परिवहन लागत में कमी आए। उन्होंने भरोसा दिलाया कि “जो मैं बोलता हूं, वो डंके की चोट पर करता हूं।
उन्होंने बताया कि देश की लॉजिस्टिक लागत पहले के मुकाबले 6 फीसदी कम हुई है और अब ट्रांसपोर्ट रेट सिंगल डिजिट में आ रहे हैं। सड़कें बेहतर होने से अब ईंधन की बचत भी हो रही है। गडकरी ने कहा कि जल्द ही भारत जहाजों के लिए भी बायो-फ्यूल तैयार करेगा, जिससे आयात में कमी और निर्यात में वृद्धि होगी।