रक्षा संबंधों को विस्तार देने को भारत-ऑस्ट्रेलिया ने किए 3 समझौते

भारत और ऑस्ट्रेलिया ने गुरुवार को सूचना साझा करने सहित तीन प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके आस्ट्रेलियाई समकक्ष रिचर्ड मार्लेस के बीच कैनबरा में हुई ”सकारात्मक” वार्ता के बाद ये समझौते द्विपक्षीय रक्षा और सैन्य संबंधों को और विस्तार देने के लिए किए गए।

सूचना साझा करने पर समझौते के अलावा दोनों पक्षों ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जो पनडुब्बी खोज में सहयोग और ज्वाइंट स्टाफ वार्ता के लिए एक रूपरेखा तैयार करने पर आधारित होगा। दो दिवसीय यात्रा पर आस्ट्रेलिया गए राजनाथ ने प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और विदेश मंत्री पेनी वोंग से भी मुलाकात की, और मुख्य रूप से संबंधों को और अधिक गतिशील बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कैनबरा में आस्ट्रेलियाई युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

दोनों रक्षा मंत्रियों ने इस बात पर दिया जोर
बहरहाल, दोनों रक्षा मंत्रियों ने एक स्वतंत्र, खुले, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने में मदद के लिए क्षेत्रीय भागीदारों के साथ सहयोग बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया और इस क्षेत्र में नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता तथा निर्बाध व्यापार के लिए अपने मजबूत समर्थन को रेखांकित किया। यह संकल्प रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता की पृष्ठभूमि में लिया गया है।

राजनाथ-मार्लेस बैठक में दोनों पक्षों ने समुद्री सुरक्षा, रक्षा उद्योग सहयोग और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान सहित व्यापक क्षेत्र में रक्षा सहयोग को गहरा करने के लिए अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

आतंकवाद पर भारत का रुख सख्त
आतंकवाद के खतरे के संबंध में राजनाथ ने भारत के रुख को दोहराया। उन्होंने पाकिस्तान के प्रति भारत की नीति का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि आतंक और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते तथा पानी और खून साथ-साथ नहीं बह सकते। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट होने का भी आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि 12 वर्षों में यह पहली बार है जब किसी भारतीय रक्षा मंत्री ने आस्ट्रेलिया का दौरा किया है।

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