मीट कारोबारी इमरान और इरफान के मकान, फैक्टरी व अन्य प्रतिष्ठानों पर छापा मारने के लिए सोमवार सुबह चार आयकर विभाग की टीम पहुंच गई। टीम में शामिल सौ से अधिक अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे। मकान और अन्य प्रतिष्ठानों के दरवाजे भीतर से बंदकर देर रात तक टीमें अंदर दस्तावेजों की छानबीन करने में जुटी हुई थीं। अंदर मौजूद लोगों को भी बाहर निकलने नहीं दिया गया। जिले में इसे अब तक की सबसे बड़ी रेड माना जा रहा है।
इमरान और इरफान ने 20 वर्ष पहले मीट फैक्टरी शुरू की थी। इस फैक्टरी से पहले हड्डी का कारोबार करते थे। वर्तमान में संभल में फैक्टरी के अलावा हापुड़, बरेली और कैराना की मीट फैक्टरी भी इन दोनों भाइयों के द्वारा ही संचालित कराई जा रही हैं। इस समय कई सौ करोड़ रुपये का कारोबार यह मीट कारोबारी करते हैं। आयकर की टीम ने सुबह चार बजे से यह कार्रवाई शुरू की है। देर रात तक टीमें छानबीन करती रहीं।
चमन सराय में रिश्तेदार के घर पर छानबीन की जा रही है। इसी तरह चमन सराय में कर्मचारी के घर पर छानबीन चल रही है। मीट कारोबारी के घर पर 40 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी छानबीन करने में लगे हैं। जबकि मीट फैक्टरी में भी 40 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारियों को प्रवेश करते हुए लोगों ने देखा था। सूत्रों का कहना है कि रिश्तेदार और कर्मचारी के घर पर कुछ अहम जानकारी टीम को मिली है लेकिन टीम ने अभी उसको लेकर स्पष्ट नहीं किया है।
रिश्तेदारों और मैनेजर के घर भी पहुंची टीमें
जिले में आयकर की रेड पहले भी कई कारोबारियों के ठिकानों पर हुई हैं लेकिन मीट कारोबारी के ठिकानों पर हुई रेड सबसे बड़ी है। 70 से ज्यादा कारों में सवार होकर 100 से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी इस रेड में शामिल हैं। यूपी के कई जिलों के अधिकारियों के साथ दिल्ली के भी अधिकारी शामिल होने की जानकारी है। पहली टीम मीट फैक्टरी पहुंची और दूसरी टीम ने मीट कारोबारियों के घर में प्रवेश किया। इसके बाद रिश्तेदार और मैनेजर के घर टीमें पहुंची। टीमों के पास सटीक जानकारी थी। इसलिए अहम ठिकानों पर छानबीन शुरू की है।
सोशल मीडिया पर होती रही किसी डायरी की चर्चा
मीट कारोबारियों के ठिकानों पर शुरू हुई कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर भी इसकी खूब चर्चा हुई। आयकर की टीम के साथ दूसरी एजेंसियों के होने की भी चर्चा रही। सोशल मीडिया पर एक डायरी की चर्चा खूब छाई रही। लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दीं। यह डायरी फिलहाल चर्चा का विषय बनी हुई है।
100 से ज्यादा कर्मचारी व मजदूर फैक्टरी के अंदर, कार्रवाई पूरी होने के बाद आएंगे बाहर
मीट फैक्टरी पर सुबह चार बजे कर्मचारियों के साथ मजदूर भी मौजूद रहते हैं। क्योंकि इस समय मीट की सप्लाई जाती है। सारी रात पशुओं का कटान किया जाता है। निर्यात होने वाले मीट के कंटेनर भी रात के समय ही निकलते हैं। टीम ने वही समय तय किया जिस समय मीट कारोबारियों के साथ दस्तावेज की देखरेख करने वाले कर्मचारी भी मौजूद रहते हैं। 100 से ज्यादा लोग फैक्टरी में काम करने वाले छानबीन में सहयोग के लिए अंदर ही रोके गए हैं। मीट फैक्टरी में ही खाने की कैंटीन बनी है। जहां खाने-पीने की पूरी व्यवस्था है। कार्रवाई पूरी होने के बाद ही इन सभी को बाहर जाने दिया जाएगा।
दुकानों पर मीट की सप्लाई करने वाले ठेकेदार भी इस कार्रवाई में शामिल किए
फैक्टरी से मीट की सप्लाई खुदरा दुकानों के लिए भी की जाती है। मीट फैक्टरी मालिकों ने इसके लिए ठेका दिया हुआ है। यह ठेकेदार ही अपने बिल पर सप्लाई देते हैं। ठेकेदारों को मीट फैक्टरी से एक बिल जारी किया जाता है। आयकर की टीम ने इन ठेकेदारों को भी छानबीन में शामिल किया गया है। ताकि आय की जानकारी स्पष्ट हो सके। निर्यात बड़े स्तर पर होता है मीट की सप्लाई संभल के साथ मुरादाबाद, बदायूं अमरोहा और दूसरे जिले में भी की जाती है।
दिल्ली गाजियाबाद समेत कई शहरों में छापे
संभल में मीट का कारोबार करने वाली इंडिया फ्रोजन फूड कंपनी के ठिकानों पर आयकर विभाग की टीम ने सोमवार को छापे मारे। कंपनी के संभल सहित बरेली, मुरादाबाद, नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली, बुलंदशहर के 30 से ज्यादा ठिकानों को खंगाला जा रहा है। संभल में कोतवाली क्षेत्र के चिमियावली में स्थित कंपनी (मीट फैक्टरी) पर आयकर विभाग, लखनऊ की टीम ने सोमवार की सुबह 4 बजे से कार्रवाई शुरू की है। देर शाम तक यह कार्रवाई चलती रही। छापे की कार्रवाई अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकती है।