जलवायु परिवर्तन की लड़ाई में दुनिया भर में एक घंटे बंद रहीं बत्तियां, दिल्ली ने बचाई 269 MW बिजली

राष्ट्रीय राजधानी में अर्थ आवर पर बीएसईएस क्षेत्र में 159 मेगावाट बिजली की बचत हुई। दिल्ली के पूरे क्षेत्र में यह बचत 269 मेगावाट की रही। पिछले साल दिल्ली में इस मौके पर 206 मेगावाट बिजली बचाई गई थी।

अर्थ आवर पर दुनिया भर में शनिवार को रात 8:30 से 9:30 बजे तक एक घंटे के लिए अनावश्यक लाइटें बुझा दी गईं। जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 22 मार्च को अर्थ आवर मनाया जाता है।

राष्ट्रीय राजधानी में अर्थ आवर पर बीएसईएस क्षेत्र में 159 मेगावाट बिजली की बचत हुई। दिल्ली के पूरे क्षेत्र में यह बचत 269 मेगावाट की रही। पिछले साल दिल्ली में इस मौके पर 206 मेगावाट बिजली बचाई गई थी। वर्तमान समय और युग में बिना बिजली के एक भी पल रहने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। लेकिन दुनिया को बचाने की इस मुहिम में जुटे लोगों के आह्वान पर लाखों-करोड़ों लोग एक घंटे के लिए अंधेरे में रहते हैं।

अर्थ आवर की शुरुआत 2007 में वर्ल्डवाइड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की ओर से की गई थी। इसका उद्देश्य व्यक्तियों और संगठनों को पृथ्वी के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में रात 8:30 से 9:30 बजे तक गैर-जरूरी बिजली की लाइटें बंद करके पृथ्वी के लिए एक घंटा देने के लिए प्रोत्साहित करना है।

इस वर्ष वर्ल्डवाइड फंड-इंडिया ने संयुक्त राष्ट्र विश्व जल दिवस के साथ अर्थ आवर 2025 मनाया, ताकि सामूहिक कार्रवाई के महत्व पर के साथ ही पृथ्वी और उसके बहुमूल्य जल संसाधनों के संरक्षण पर जोर दिया जा सके।

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