मेडिकल नेग्लिजेंस का एक मामला सामने आया है दिल्ली से सटे कौशांबी के यशोदा हॉस्पिटल से…परिवार वालों का आरोप है कि एक रोबोटिक सर्जरी के दौरान आंत कटने से एक 35 साल के युवक उज्जवल की मौत हो गई।
जिधर भी नज़र घुमाइए लोग का जमावड़ा है…ये सब दिल्ली के नज़दीक गाज़ियाबाद के यशोदा हॉस्पिटल में इकठ्ठा हुए हैं…यहां डॉक्टर की लापरवाही ने दो बच्चों को अनाथ कर दिया…एक परिवार ने अपना होनहार 35 साल का बेटा खो दिया….कौशांबी के इसी यशोदा अस्पताल में उज्जवल खुद चलकर आया था…हर्निया का ऑपरेशन होना था…लेकिन उसे क्या पता था इसी जगह मौत उसका इंतज़ार कर रही थी…
वीओ- परिवार का आरोप है कि हर्निया की रोबोटिक सर्जरी के दौरान आंत कट गई। सर्जरी के बाद स्थिति बिगड़ने पर एक और ऑपरेशन किया गया, लेकिन उज्जवल को बचाया नहीं जा सका। युवक की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तीमारदारों ने अस्पताल के बाहर धरना दिया। उनका कहना है कि सर्जरी में हुई लापरवाही के कारण युवक की जान गई है।
आनन-फानन में पुलिस वालों ने यशोदा हॉस्पिटल को छावनी में तब्दील कर दिया….पीड़ित परिवार की मांग थी कि अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज की जाए… पुलिस का एक रटा रटाया जवाब है कि मामले की जांच की जा रही है…
सवाल कई हैं और जवाब एक भी नहीं….सर्जरी के दौरान हुई गलती और उसके बाद मौत की घटना ने अस्पताल की कार्यप्रणाली और मेडिकल नेग्लिजेंस को लेकर सवाल खड़े किए हैं।