UNSC में क्यों फेल हुआ रूस और चीन का प्रस्ताव?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से ईरान को तगड़ा झटका लगा है। UNSC ने ईरान पर लगे प्रतिबंधों को देर लागू करने वाले प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ईरान के करीबी देश रूस और चीन ने यह प्रस्ताव UNSC में पेश किया था। मगर, उन्हें निराशा हाथ लगी है।

UNSC में कुल 15 सदस्य हैं, जिनमें 5 स्थायी सदस्यों में रूस और चीन दोनों ही ईरान के करीबी देश माने जाते हैं। उन्होंने चीन पर लगे प्रतिबंधों को पोस्टपोन करने की मांग की थी, जिसपर UNSC के 9 सदस्यों ने असहमति दर्ज कर दी है।

रूसी राजदूत ने रखा ईरान का पक्ष
संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत दिमित्री पोल्यांस्की ने ईरान का पक्ष रखते हुए कहा, “हमें उम्मीद है कि यूरोपीय देश और अमेरिका दोबारा सैंक्शन पर विचार करेगा। धमकियां देने से कोई परिणाम नहीं निकलेगा। इसकी बजाए कूटनीति और बातचीत से मामले का हल निकालना होगा।”

ईरान ने दी प्रतिक्रिया
ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों ने ईरान पर प्रतिबंध लगाए हैं। विदेश में ईरान की संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया है। तेहरान के साथ हथियारों के समझौते और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर भी जुर्माना लगाने की धमकी दी गई है। इससे ईरान की पूरी अर्थव्यवस्था ठप पड़ गई है। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने इस फैसले को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अवैध” करार दिया है।

क्या है डर?
UNSC में यह प्रस्ताव खारिज होने से ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव और भी ज्यादा बढ़ सकता है। ईरान कई बार परमाणु समझौते से हाथ खींचने की धमकी दे चुका है। हालांकि, ईरान के राष्ट्रपति ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है।

ईरान पर लगे आरोप
दरअसल ईरान और अमेरिका ने परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, 2018 में डोनल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस फैसले से बाहर कर लिया था। मगर, ईरान ने अभी तक इसपर टिके रहने का दावा किया है।

यूरोपीय देशों का कहना है कि ईरान परमाणु समझौतों के नियमों का उल्लंघन कर रहा है। दोनों पक्षों में पिछले हफ्ते होने वाली हाई लेवल बैठक भी फेल हो गई है, जिसके बाद सभी देशों ने ईरान के लिए सख्त रुख अपना लिया है।

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